हिंदी निरुत्क | Hindi Nirukt
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39.67 MB
कुल पष्ठ :
1338
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्र अ+ १ पा० १ खत १ ।
( २ उपसर्ग निपात )
“उपसग - निपाता:” यह उपसग भौर निपाल दोनोंका
समास निर्देश हैं, इनका एथक एक समासमें संयोजन
इस प्रयोजन से किया गया है कि ये दोनों नाम और
आख्यातके अथ विशेषके योतन ( प्रकाशन ) रूप समान
कार्य्य को करते हैं ।
सक रकके पुर्वापरका निणय ।
(शनाम )
पहिलें निश्चित हो चुका है कि खारोंमें दो नाम और
भाख्यात प्रधान हैं, इसन्दिये थे दो सबमें पहिले कहें गये,
किन्तु इनमें भी नाम पदके प्रथम प्रयोग़का कारण
अल्पस्वरता हैं। जिस शब्द में स्वर कम होसे हैं, यह पद
इन्द्समासमें पूव रहता है । यह व्याकरण का नियम है ।
(४ आख्यात )
'माख्यात' पद पदके अन्तर इस कारण किया
गया कि यह नसामक्े कारक रूप अ्थ में रहने बास्टी
क्रियाकों कहता है ।
( ३ उपस्ग ;
आकयातका सहयोगी होने से उपसग का पाठ
अतन्तर किया गया है ।
(४ निधात )
परिशेषसे निपातका पाठ या प्रयोग सबसे पीछे दुआ ! इन
युक्तियोंकि श्रल पर यास्क मुनिने इस सबको ।
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