वरांग चरित्र | Varang Charit

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Varang Charit by खुशालचंद्र गोरावाला - Khushal Chandra Gorawala

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १४ ) विंश सगं १८०-१८९ सुखमम्त वरांग १८० उत्तमपुरमे सुषेशका राज्याभिषेक ১১ सुषेणएकी अयोग्यता तथा शन्र॒का आक्रमण १ सबेणका समरस्थलीसे पलायन রী হালু द्वारा आक्रान्त आधा राज्य-- लेकर संधिका प्रस्ताव ग, महाराज धर्म॑सेनका वरांगको-- याद करके दुखी होना शा धर्मसेनकी युद्धयात्रा १८२ मंत्री परिषद्‌ तथा मित्ररजको- बुलानेकां निर्णय ११ दूत द्वारा सहाराज देवसतेतकी समाचार १८३ देवसेनका उत्तमपुराधिपकी- सहायताथे चलनेका निर्णय कश्चिदूभट ही वरांग है, रहस्यका भेद + पिताकी विपत्ति सुनकर-- बरांगको भी आंसू आ गये कर मनोरसासे विवाहादि' १८४ कृतज्ञता प्रकाश तथा-- धर्मपितासे अनुज्ञा लेना हे धमपिताकी सहयात्रा १८५ युद्धयात्रा तथा सेनिकोके बचन छ सेनाका वणेन तथा आगमन सन्देश १८ सागखूद्धि द्वारा देवसेन तथा-- वरांगका समाचार १८७ पुन्रप्राप्तिके समाचारसे ग्रमुदिति राजा बन्धुमिलन तथा शन्रुमदन योजना शत्र पलायन राज्याभिषेक “राजधानी प्रवेश मांता-चहिन-पत्नीसे मिलन एकविंशा सगं कर्म वैचित्र्य सम्बन्धी विदा चरांगकी न्याय निपुणता सुबेण आदिका हृदय परिवर्तेन-- तथा क्षुमादान १८६ 2 १९०-१९८ वरांगका नूतन राज्य निर्माणका निणेय ৮৮ टं पितासे अनुमति अहण ग 93 सहयात्री चयन तथा यात्रा १६३ नगर स्थान निरीक्षण तथा निर्माण ४ आनतेपुरका वर्णन 29 राजमवन १६४ देवालय 95 देशसमृद्धि तथा नागरिक চা ईति-मीति दीनता १६५ सागखूड्धिको विदर्भराज बनाना টি अन्य बन्धु-बान्धवोंको प्रादेशिक राञ्यार्पण ৯ सुषेणके लिए वकुलराज देनेका प्रयत्न १६६ दूत प्रेषण क बकछुलाधिपके मंत्रियों द्वारा आत्म-समर्पणु-- -सम्मत्ति १६७ पुत्नी विवाह प्रस्ताव श्र चमा याचना तथा मनोहरा विवाह ४.0 धर्मराज तथा राञ्यका चरम विकास १६८ द्राविंश বম १९९--२०९ वरांगके सुराज्यका बणैन १६६ स्नेह तथा सहानुभतिमय दासक = रजकी धममनिष्ठासे समृद्धि. २०१ वरांगराज का ऋतुविहार নী सुखमम्न राजा २०२्‌ पुण्य प्रशंसा রি सुखसे भी धर्म न भूलने वाली- -रानी अनुपसा २०३ गार धमं न अष्ठांग सम्यकृद्रोन २०४ जिनपूलाकी श्रेष्ठता वि नन्दीश्वर विधानका संकल्प माहात्म्य २०५ मूर्तिपूजाका उपदेश রর जिनसन्दिर निर्माण तथा फलका उपदेश २०६ जिनालय निर्माण आज्ञा हु जिनालयका নদ २०७ जिनालयकी स्ना 5 जिनालयके चिसाग २०८ जिनालयके उद्यान जिनालयका अदूभुत्तरूप न




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