हिन्दुस्तां हमारा भाग - 2 | Hindustan Hamara Bhag - 2

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : हिन्दुस्तां हमारा भाग - 2  - Hindustan Hamara Bhag - 2

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about निसार अख्तर - Nisar Akhtar

Add Infomation AboutNisar Akhtar

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
भूमिका 'हिन्दोस्ता हमारा” के इस दूसरे भाग में हमने उर्दू की उन नज्मो का एक संकलन विया है जौ शुरू से लेकर श्राज तक के राजनंतिक भ्रान्दोलनो से सबध रखती हैं। यह सच है कि उदू शाइरी ने हिन्दुस्तान के राजनतिक इतिहास को पुणे रूप से श्रपने सीने मे सुरक्षित कर रखा है । साथ ही, यह वात भी याद रखने योग्य है कि उर्दू शाइरी ने केवल राजनतिक धघटनाश्रो श्रीर स्थितियो के चित्र ही हमारे सामने पेश नही किये वल्कि हर युग के सामाजिक भौर राजनैतिक आत्दोलनो को बढावा देने मे उसका जबरदस्त हाथ रहा है। प्रोफेसर श्राले अहमद सुरूर ने भ्रपने एक लेख मे लिखा है कि साहित्यिक और शाइर साम- यिक राजनीति मे वह सकता है मगर वह राजनैतिक आनन्‍्दोलनो के तुफान में तिनके की तरह नहीं वह जाता । वह दरियाओ का रुख मोडता और मौजो को अपने काबू मे लाता है--वह तूफान और इकिलाव के लिए वातावरण तैयार करता है । वह भूतकाल का अमीन, वर्तमान का इशारिया श्रौर भविष्य का पयम्बर होता है । वह्‌ दिलो की गहराई मे उतरता है जहा भारजृए मच- लती श्रौर करवट लेती है और इन अधेरी वादियो मे एक बडे उदेश्य की रमा जलाता है। भ्रतएव हम देखते है कि जैसे-जैसे जमाने के साथ सामाजिक और राजनैतिक चेतना बढती गयी, उर्दू शाइरी उससे अ्रधिक शक्ति प्राप्त करती गयी । इस पूरी सम्पत्ति मे हमको विभिन्न मानसिक स्तरो पर नस्मे मिलेगी । वह नज्मे, जो अंग्रेजी सरकार के खिलाफ एलाने जग की हैसियत रखती है, इसलिए भी महत्त्वपूर्ण हैं कि उनके कहने वालो ने जिस साहस और बागियाना अमल का इज्हार किया है वह अनुकरण-मात्र न था बल्कि उनमे कुछ ऐसी ही लगन थी कि वह हर खतरा मोल लेने के लिए तैयार हो गये थे । श्राजादी




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now