सराक क्षेत्र | Saraak Kshetra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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फट 18 8 (1009 पा ऐै (फ08 $0क्रंटाड जा 092৩ জঞ্রট 00 096 कफ्ल्वापंजा 2067 চ2150079 0159150552 ॐ0 0) 16 1प्रात् छव क कटाट्भा1६ चिब्।एग 01016 96102911059 ১০৮: 1023 479. 1285 055009৩৫ 11805 0 105 18109. (61000195 2110 1012865 17) 117201022 590 15115) 1) পুজা) £০89192 810121/ 90201101501, [10 01., 9. 25 इनके अतिरिक्त कलकत्ता, पटना और भुवनेश्वर के संग्रहालय मेँ इन कषेत्रं से प्राप्त जैन प्रतिमाएं रखी हुई हैं। साथ ही अनेकों स्थानों पर खण्डित-अखण्डित जैन प्रतिमाएं, ध्वस्त मन्दिर जैन प्रतीक बिखरे पड़े हैं जिनमें प्रमुख हैं--बिहार में गया जिले के अन्तर्गत पचार पहाड़ी, ब्रह्मजूनी पहाड़ी-जिन्हें देखकर कनिंधम साहब ने लिखा है-यहां की मूर्तियां प्रगट रूप से जैनियों की हैं। हजारी बाग में पारसनाथ पर्वत एवं कलुहा पहाड़, भद्दलपुर यहां अनेक प्राचीन जैन मन्दिर एवं जैन प्रतिमाएं हैं। बंगाल में मानभूम के अतिरिक्त बलरामपुर, बोरम, दारिका, दर्रा, करतासगढ़, पवनपुर, पांचेत या पांचकोट पार, तेलकूपी पंखाग्राम, बरा बाजार में अनेक प्राचीन अवशेष है । जिला हुगली, मेदिनीपुर, खुलना मे भी अवशेष है । सिंहभूम के अतिरिक्त बेनूसागर, कोल्टन, रुआम, हंसी, हकंडी, देवली, नवाडीह, तमाड़ में प्राचीन स्मारक हैं। मयूरभज, कोपकटक, बरसई, नीलगिरि में पुण्डाल, डोमगांधार तारिपदा, बाजसाई, रानीबन्ध, बालासर, भीमपुर, किंचिग आदि पुर में पर्याप्त जैन चिहन हैं। उड़ीसा के पुरी जिला में उदयगिरि, खण्डगिरि एवं मीलगिरि तो महत्त्वपूर्ण हैं ही इनके अतिरिक्त धौली, तोसाली, पीपजीधाना में जैन मन्दिर एवं जैन प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं। कटक जिला में अगसिया पहाड़ी, छातिया पहाड़ी, चांदवर, जजपुर, रलगिरि से जैन प्रतिमाएं प्राप्त हुई पुरी मे मन्दल नामकं स्थान से सुन्दर प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं।




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