प्राचीन शिलालेख-संग्रह | Pracheen Shilalekh-Sangrah

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Pracheen Shilalekh-Sangrah by मोदी बालचन्द्रजी - Modi Balchandraji

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मोदी बालचन्द्रजी - Modi Balchandraji

Add Infomation AboutModi Balchandraji

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
पृष्ट ७५ ९८ १०० १०२ ৭৭৭ १२८ १२८ १३९ १५ २१ ८ ४९ দান १६७७ 1३५७ १७५ १९४ ०५४ १९१ ३१६ ३१६ ‰¶ < ३२७ ३७३ ३७७ ३८५ १५ १० १८ १३ १४ ৭৭ ৭৫ १३ अन्तिम शुद्धिपत्र ( भूमिका ) अशुद्ध खुद्ध बेल्गोल वेल्गोल सहना सब्रिखना १६२४ १२४ माघनन्दि आचार्यो माघनन्दि आदि आचायां जगदेव के जगदेव नमिक মহন भरत নী वीर पदावली पट्चचली द्यालपाल दयापा पुध्पनान्द पुष्पनन्दि (হজ) चौड নাত विष्णुवर्द्धनद्वारा विष्णुवर्द्धनके मंत्री गंगराज विष्णुवद्धन नरेश गंगराज मंत्री [द्वारा पयो पंक्तियों एरड बढ्े वस्ति एर्‌डइकट्टे वस्तिमें श्रा चामुण्डराजं श्रीचासुण्डराज रामच नृप राचमष्टं तरप कुटो... ङ्ग कुलोत्तुन्न पण्डितास्यः पण्डितार्य्यः ने. ( ३५४ ) न. ४३४ (३५४) १८० १९८ १९५ १९९ २१९ (१२५) २१९ ( ११५) २५५ ( ४१३) २५५ ( ४१४) विजयराञ्यम्य विजयराजय्य ২ € ३८६ ) ४७६ € ३८६ ) १० वीं पंक्तिके पश्चात्‌ लेखांक ४९१ छूट गया है ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now