संक्षिप्त जैन इतिहास भाग 3- खंड 1 | Sankshipt Jain Etihas Part III Khand 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
178
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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इका ० अथवा एका०-हइपीग्रेफिया कर्नाटिका ( बेगलोर ) |
इंए०-इंडियन एन्टोकेरी ( बम्बई )।
लद॒ ०--(उवासगदसाओ सुत्त०?-४1० हाणके (31010 170108).
उपुण्ब०5.पु.- उत्तर पुराण? श्री गुणभद्र[चाये व प॑.छाकारामजी |
उसु०--उत्तराष्ययन सुत? ( श्वेताम्बरीय गामम प्रन्थ ) नाट
कार्पेटियर ( उपसका )।
ए३०-एपिप्रेफिया इंडिका? ।
एइमे० या मेए्३०-एन्शियेन्ट इन्डिया एजडिस्क्राइब्ड घाई
मेगस्थनीज एण्ड ऐरियनः-( १८७७ )।
एने ० -एन इपीटोम भ।फ़ जेनीज्म-श्री पूणचन्द्र नाहर ए१०९०।
एमिक्षट्रा ०-- एन्शियेन्ट मिड इंडियन क्षत्रिय ट्राइल्स ? ढें।०
घिमकचरण ला ( कछुकत्त। ) |
एहृ०-एन्शियेन्ट इंडिया एजडिस्क्राइन्ड बाई स्ट्रेबो मक किडक
( १८०१ )। |
ऐरि०--ऐशियाटिक रिसर्चेज-सर विलियम जोन्स (सन् १७९९
व १९०९ )।
कजाइ०-कनिघम, जागाफी आफ एंशियेन्ट इंडिपा-(कठ्कत्ता
१९२४ )।
कि०-- ए हिस्टी अफ कनारीज लिट्रेचर ? हैं० पी० राइस
(107, 15 9. 1921).
कसू ०--कल्पसृत्र मूछ ( श्वेतांबरी आगम प्रन्थ ) |
काके ०--का रमाइकल छेकु१से ढें।० डी० आर० भाण्डारकार |
कहि१०--केम्निन हिल्टी माफ इंडिया ऐन्शियेन्ट इंढिया, भा०
१-रेव्छन ला° ( १९२२ )।
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