पुराणों में एतिहासिक परिवर्तन युग | Puranon Mein Etihasik Privartan Yug

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Puranon Mein Etihasik Privartan Yug by कुँवरलाल जैन व्यासशिष्य - Kunwarlal Jain Vyasashishya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( 4१) कालगणना को नहीं समझ संका। रद परिवर्तयुगो के सम्बन्ध में निम्न उद्धरण से पार्जीटर की अंशक्ति और अज्ञान प्रकट होता है-- ॥( 13 10769688815 19216 10 70015706 1913 2021167 1710 (९ 10 [0119 वल्लक पच्छ ০1 € १रए288 810 81510581069189) 06४९1 71 0001 88৩ 1১518009 (০8৪৫75585) 00806 00 ৪, 1%180%80- 1878 [6 985৪ 8 हलि ए9008701681 61199180012 2170 006 ভিপ015 17161511080 00৩ 01586011006 15 00৩ 91188৩10281 0007986 90100 01 116 ড81%885808. 71190806819) 80 00৩ ৩6068 ০ 08৪01010181 1018101% ৮1619 90106117008 01511100160 0078 {008 28 61068. णह & [ल ८€०110ण5 0858386 १८५४७818 4১11698 83 1800 8 प्रा 19808178007 870 21801810 च्छच 11720 10 0০ (5010 11650088 (1.6 17100612568. ৪3 ০? 005 1000 णा 88० १९1०५). 19900218 88 1013 100) 70081176100 800 [06811)58 1४०6 17 (86 1510 77619, [81718 18102098779 23 1015 51701) 9100 ৬15/9121028 11৮৩৫ 10 116 1908 7165. 10838780)918 80 8713, 85 1318 86৬০0) 800 ৬8৪0৫6%৪. 11500 10 ४16 2801 82०, ৬9889 ৪৪ 1018 लोहि 100 08001091058 8100 71508 88 113 0190 111) ठ7480018--- 081858 1155৫ 10 06० 2800 7020878. 5001. 89818101161008 8023৩ (10095 969615৩ 80106 6101010091081081 ০0081806109, 01660, 1९9 81९ €119010 8100 10 803 0৪৩) 61108 8181)038101081 100010109 1861108 ४८ 1015102108] 56086 ৪9 0065 815 01070616916. (40০16200 [17018 ঢ18107198] পা18610100, 0179). पार्जीटर, इस सम्बन्ध मे न तो सत्य को समझना चाहता था और न ही उसमे यह समझने की शक्ति थी, अत उसका आलोचना करना निरर्थक ही होगा । जबकि महान्‌ वैदिक अनुसधाता और सच्चे भारतीय इतिहासश प० भगवदत्त तथाकथित त्रेता (--परिवते) युगसम्बन्धी अंश को नहीं समझ सके, जैसाकि उन्होंने स्वयं ही लिखा है-वायूपुराण के बहुत से त्रेता एक ही त्ेता के अवान्तर विभाग हैं। वायु के अनुसार आश्यज्रेता से लेकर चोबीसवबें श्रेता तक निम्नलिखित व्यक्ति हुए-- दक्ष प्रजापति --. आख त्रेता युग में बारह देव (भ्रादित्य) -- प्राद तज्ेता युग में करन्धम -- त्रेता युग मुख में




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