साधारण मनोविज्ञान | Sadharan Manovigyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
56 MB
कुल पष्ठ :
426
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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साधारण मनोविज्ञन
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था। उनन््हांन सबसे पहले अंक-वेज्ञानिक तरीकों द्वारा व्यक्तिगत
अन्तर का अध्ययल किया |
गाल्टन न कुछ काम स्मृति” पर भी कया था | इस ज्षत्र में
सवस नन्वपरर काय एविन्गॉस ने किया। उनके काय को
'दिशद च्यः स्मति नासके अध्याय में को जाएगी ।
न्न; सर्चा शताब्दी का एक्र अन्य प्र सिद्ध मनोा|वज्ञान-वेत्ता
विलियम जेम्स” था। वह भी वुन्द के शमान ही प्रतिभा-
शाली था। उसने भो अपनी प्रखर वृद्धि द्वारा रत्नोदिकज्ञान के
लगभग प्रत्यक्त ज्षत्र को प्रभावित किया ।| उसकी महत्ता का अनु-
सान इम तश्च के आधार पर लगाया जा सकता हे कि इस समयः
भी जवकि मनोविज्ञान वहुत आगे वढ़ चला है अमेरिका के अनेक
मनोविज्ञान-वेत्ता उसकी कृतियों को पढ़कर ग्रोत्साहित होते हैं
आधुनिक मनोविज्ञान ने वन्तुतः मवसे सहत्वपृणं करवट सन्
१६०४ इ८ क ्रास-पःस ली जवकि पावललोव* नाम के एक् शरीर-
वैज्ञानिक ने सापत्ी-करणु* का नियम स्थापित करके मानसिक
क्रियाओं का भा नि आधार खोज निरालने का प्रयत्न किया पाव-
लोव ने अपना यह सापेक्षों करण रा प्रयोग एक कुत्ते पर किया था ।
पावलोव के सापेत्तीकरण-सिद्धान्त तथा डाविनः के
विकास वादस प्रभावित होकर वाद्सन- नाम के स्नोवकज्ञान-
वेत्ता मे मनोविज्ञान से मन अथवो च॑तना को विल्कल निकाल
फेंकने का प्रयत्त किया। अब तक मनोविज्ञान की परिभाषा
' किसी न किसी रूप में चेतनता का अध्ययन-” ही रही थी,
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