महाराणी चेलनी | Maharani Chelani

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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. प्रिखिति । [११ - भ এজ সি ০ সি ০৯৯ पथ, पध च, प ५, ५५२२ जे ५३२९. प ८५९५ पेष, ৬১ ৭ ২২২৯, ২৭১২৯২১০২২২ ২২২২৬:৩২৩২৩৩২২৬১৩৩১২১৬২৩৭০১, ২৩, ৩৯ ০৩৪ सब हृदयोंमें प्रमुख स्थान देनेके छिए आवद्यक है कि बीर शासनके चमकते हुये आदश रननोंको उनके समक्ष छाया जावे ओर उनके गुणोंको प्रत्येक खी-पुरुषफी हृदयक्भम कराया जावे । इम ही बातकों लक्ष्पकर आज हम यहां पाठक और पाठि- कथि सरु भगवान महावीरके समयक्ी एक भारतीय विदुपीका पवित्र जीवनचरित्र प्रस्तुत करते हैं। हमें विश्वास है कि इसके पाठसे पाठक उस समयकी शमुन्नत दशाको जानकर अपने देनिक जीवनको सफल बनालेके लिये शुभ प्रयत्नॉमें संत होरंगे और पाठिकायें अपनी बहिनोंक्री पहिलेैकी महत्- शाली महिसा देखकर अपनी दशशाक्रो सुधारंगी, परंतु उन मदहाराणी चेलनीका दिव्यचरित्र वर्णन करनेके पहले हम उसमें सफलप्रयात होनेके हेतु भगवान कुन्दकुन्दस्थामीके शब्दोंमें ४ चार प्रकारके देवोंके और मनुष्पोंक्े इंद्रोंपे बंदनीक, घातिया. कमोको धोनेवाले, धमके कर्ता, तीथेस्वरूप श्री बद्धेमानस्त्रामीः भगवान महात्रीरकों नमस्कार किये लेते है। ” जो स्वयं पद्मान है उनका स्मरण अवश्य ही हमारे सामानिक्र और धामिक प्रगतिको वद्धंमान रूप देगा | ভর্থ টি




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