जागरण का मार्ग | Jagaran Ka Marg

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Jagaran Ka Marg by लल्लीप्रसाद पाण्डेय - Lalli Prasad Pandey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ७ ) उनसे सहानुमूति है, उनका पथ-दर्शक वने . चौर हर সন্ধানী ছু उन्नति में उनकी - उचित सहायता करे | उन्हें कर्मण्यता का ये पदाचे । तभी उनका सच्चा सुधार हो सकता है । आमं की दशा सुधारने के लिए यह आवश्यक है कि सबसे पहले किसान संगठित हो। सहकारी सस्थाएँ स्थापित की जाये इस तरह की कई समितियों बनाई जा सकती है जो गाँव की सफाई, स्वास्थ्य, पढ़ाई, गैमारी आदि की तरफ ध्यान देती है। कुछ समितियाँ तो सामाजिक प्रथाओं के बदलने तक के लिए बन गई है और उन्होंने काफी अच्छा काये कर दिखाया है। बिना सहकारी समितियों के गाँवों की दशा सुघरना अत्यन्त कठिन है। | किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए सबसे पहले यह आवश्यक है कि सहकारी समितियों द्वारा खेतों की चकबन्दी शुरू कर दी जाय । पंजाब में ऐप्वी समिति ने काफी अच्छा कार्य कर दिखाया है। चकबन्दी से खेत बड़े-बड़े हो जायेंगे ओर फिर किसान सामूहिक रूप से अच्छे-अच्छे सामान लाकर खेतों को जोत सकेंगे । अमी जब कि कितानों के पास दो या तीन बीघे मूमि है, वे रवय न तो बैल ही रख पाते है ओर न अच्छे हल ही । चकबन्दी के बाद अच्छे बीजों का प्रबन्ध होना चाहिए। घुने हुए तथा बुरी क्रिस्म के बाज़ारू बीजों के बोने से पैदावार काफी घट गई है। इससे आव- श्यक यही होगा कि सहकारिक बीज-समितियाँ खोल कर इस गलती




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