कांग्रेस - चरितावली | Congress- Charitavali

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(३) चारों का फैशना झपया फेलाना है। परन्तु विचार किस सरद फेल कते श अषवा रैलाएु ला सकते है; केवल साद्‌ भाषा द्वारा। परन्तु ए कि दुभौम्य से कटो छवा किसर अन्य कारण स; यहां द्र एकः प्रान्त अछग अलग भाषाएं व्यवदार में लाई जाती हैं । हां, याब गुरुदास- हर्शी, जरिटस शारदा चरण मित्र, मिस्टर भावे सरीखे विद्वान लोगों स झोर ध्यान दिपा है । सम्भव है कि कुछ समय पाकर देश | एक राष्टभाषा टो जाय । परन्तु यदि कोई राष्ट्रभाषा इस देशमें ४ सकती है तो মহ हिन्दी दी । दां, यद सम्भव है कि ध्मदी के धतेमान स्वरूप में किसो प्रकार का भेद भाव पढ़ गय परन्तु राष्ट्र भा ह्विन्दी और राष्ट्र अक्षर देवनागरी हो भगे । सी कारा हमने, हर एक प्रान्त फे छोगों के चरित, जो 'मारी राष्ट्रीय सभा के सभापति हुए हिन्दी में लिखे हैं। इस महा- भार्मे हिन्दू मुसलमान और क्रिश्चियन सथ जाति के लोग शामिल हैं। दौर सं को सनोफासना देश की उस्लति करना ही है; जो लोग হী আল हैं ये राष्ट्रेप विचारों को इस पुस्तक द्वारा जान सफेंगे। णि रोग हिन्दी नदौ जानते वे राष्ट्रीय भाषा समभ राष्ट्र के मुकट- पिष फे चरित पठृकर लाभ उठा सकेंगे। यदि इस पुस्तक से माए यह শিইহঘ परर होगा ते एस अपे परिश्रम रो सुफल दभा समम्धने। ;।.. इस पृरतक का लिखने से पदले एमने इसके सिखने के लिए निमी एकत्रित करना आरम्भ किया। प्योंकि थहुत से सभापततियों फे | तक हम को सालूस भ थे । कांग्रेठ के दाई एक यहे थहे भक्तों के লী पत्र लिखे | कई एक सभापतियों को भी एमने अपने #ट््श्य की सुचना देकर उनसे सद्दायता फरने की विनय की। चरन्त्‌ 2गहायता ইলা লীতূহ रुषा लोगो ने लवाय तक नर्हा द्दिषए्‌। शष देश में साहित्य का काम करने घालों के! कितमा দাহ शोर सहायता निरतौ है यद् घास इस से अच्छी शरद प्रगट 1 -1 अगर हसारो थात सच न मानी लाय, तसो হল इम चात श्नि साबित करते के लिए एक छोटो सो भिसाल देकर पाठकों




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