मराठो का उत्थान और पतन | Maratho Ka Utthan Or Patan

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1124 Maratho Ka Uthan Or Patan  1930 by श्री गोपाल दामोदर तामस्कर

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सद्दाराट्र के इतिहास का महत्व बिलकुल एक-सी परिस्थिति इतिहास में दो बार मिलना प्रायः सस्भव है । ऐतिहासिक परिस्थिहियों में थोड़ी-वहुत . समानता दो सकती है, पर पूरी एकता कभी नदी । इस कारण हमारे ऐतिहासिक सिद्धान्त प्रयोगात्मक शास्त्रों की भॉति अटल नहीं दो सकते, उनमें थोड़ा-बहुत परिवर्तन दो सकता है । कभी-कभी परिस्थिति, कारण और परिणाम का ज्ञान भी इतिहास में पू्ण- तया ठीक नही रहता । इस कारण सिद्धान्तों की सत्यता थोड़ी और कम हो जाती है। पर इतने दोष रहने पर भी इतिहास का लाभ वढ़ा भारी है । इसके सिवाय जब कोई दूसरी झलुभव- शाला है नहीं, तब इसका उत्तम उपयोग कर लेना अत्यन्त छावश्यक है । ऊपर बताये लाभ से मिलता-जुलता एक लाभ और है। कार्यो से जिस प्रकार किसी की मादम दो जाती है इतिहास से समान की और इसके लिए जिस प्रकार उसके का ज्ञाव... कार्यों की आलोचना करनी पढ़ती है, होता है उसी प्रकार समाज की सन:अब्रूत्ति जानने के लिए समाज के कार्यों की झालोचना करनी पढ़ती है । कोई कार्य होने के पहले मन में उसकी भावनायें उठती है, फिर तद्चुसार कार्य होता है । इमारे काये हमारी के बहिपरिणाम हैं । इस प्रकार कार्यों से भावनाओं का ज्ञान होता है। इसी प्रकार किसी के मन को दम जानते है। यही बात राष्ट्र के मन के विषय से चरिताथे होती है। एक दृष्टि से देखा जाय तो इतिहास मनःप्रवृत्तियों का बहिःखरूप दी रैक




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