शिशुपालन | Shishupalan

Shishupalan by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
( श्ण ) विषय का पूर/ अनुसंधान किया गया त्यें ,त्यें यही निश्चयः मालुम देता दवै कि वाल-सत्यु का मूल कारण कंगाली है । घनवानों के बच्चों को यदि किसी प्रकार का कष्ट देता है ते! उनके तुरंत ही एक उत्तम डाक्ुए आब कर देखता है ओर अधिक से अधिक मूल्य की ओेपधि उनके प्रयोग के लिये. लाई जाती है, किन्तु निर्धन लोगों के बच्चे बीमार पड़ने पर भी किसी प्रकार की उत्तम सहायता नहीं पा सकते। उनके पास इतना धन नहीं हे कि वे एक डाक्टर के बुला कर उसकी फीस दे सके ओर ओपधि के खरीद सके। वह इधर उधर के लोगों ने जो बताया वही दवा देते हैँ जिससे लाभ के स्थन म वहुधा दानि दे जाती दै। श्रावश्यकता पड़ने पर धाय का प्रवंध करना उनके लिये असंभव है।हां वे लोग किसी अच्छे श्रस्पताल में वश्च जां सक्ते है कितु श्रस्प- ताल में चिकित्सा होना और घर पर उत्तम चिकित्सा के प्रबंध: देने में बड़ा अंतर है। निर्धन गृह में स्वच्छुतां का रदना লী बहुत कठिन दे । बच्चों के शुद्ध उत्तम दूध की बहुत श्रावश्यकता হছলী ; है। उनका स्व्रास्थ्य दूध पर बहुत कुछ निर्भर करता है ! किंतु गरीब बच्चों के लिये दूध दुलेभ है हां गाँवों। में ते अवश्य चच्चों के दूध मिलना कठिन नहीं दाता क्योंकि वहां प्रत्येकः मनुष्य के एक या दे! गाय सेस अवश्य देती है किन्तु नगरों में तो दूध का स्वप्त करना भी उनके लिये दुस्तर है| तब वे'




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now