लाल सेना में मेरी नौ तरह की ज़िन्दगी | Lal Sena Main Meri Nau Tarah Ki Zindagi

Lal Sena Main Meri Nau Tarah Ki Zindagi by मिखाले सोलोव्यू - Mikhale Soloview

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मिखाले सोलोव्यू - Mikhale Soloview

Add Infomation AboutMikhale Soloview

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१५ आसान था 1 - डाक्टर होने के नाते वह्‌ बिल्कुत ठीक-ठीक यह जानते थे कि इष्य किस स्यान पर है ,। । „ পট में ने उसकी वात से सहमति प्रकट की । रे 1 । “आकेडयक गिर पड़े” राल्दी ते कहा 1 “हर किस, ने यही समझता फि-वे-मंर गए किन्तु उनसे ज्यादा ताऊ.मंक्‍्स का पता था । “बेशक , | ` -“उन्हीने अपने घुटनों पर बैठ कर आकंडयूक के दिल कौ धड़कन कान लगाकर सुनी , उन्हें अपने अस्पताल ले गये और सर्जन के दस्ताने पहन कर उन्होंने श्राकंडयूक का हृदय सी दिया और ५ सप्ताह बाद झार्कंडयूक पहले की तरह ही तन्दुरस्त प्राटर मं सवारी कर रहै थे । वदं और ताऊ मैक्स तब से पक्के दोस्त वन गए ।” रोल्डी लोलूपता के - साथ मुस्कराया और उससे . कहा, “अव मुम ३ वोसनिया टिकट दो “ग्रभी ठहरो” में ने कहा “आकंडचेज़ का क्‍या हुआ ४2”. - “ओह. ! में वहीं जानता” मेरे भाई ने कहा झौर अधीनता से - अपने कन्घे उचका दिये । स्पष्ट ही इस विषय में उसने कुछ सोचा हो नहीं था । “में समझता हूं कि वह अन्य डाक्टर से इलाज कराने चली गई” -रोल्डी ने कहा । “ओर कैसर ने क्या किया ?” रोल्डी चिढ़ गया । “कंसर क्या कर सकता था ? - उसने आार्कडयक को वलाकर एक सामान्य आदमी के साथ उलभने पर भिड़का । तव उसने ताऊ मंक्स को बुलाया और - उन्दः इतनी व्यावसायिक - पट्ता दिखाने के लिए श्रपना दरवारी बना दिया 1 मं शतं लगता हूं कि श्रव जव कभी कंसर्‌ वस्तुतः चीमार पड़ेंगे वे इलाज के लिए ताऊ मैक्स को ही बुलायेंगे ।” इसके वाद हफ्तों तक सोने से पटले मे इस किस्से के वारे मे सोचता रहा । मुझे वार-वार यंह .श्य दिखाई देता कि हिज मजेस्टी कैसर -शरपन




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now