नागरीप्रचारिणी पत्रिका भाग - 2 | Nagaripracharini Patrika Bhag - 2

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Nagaripracharini Patrika Bhag - 2  by रामशंकर भट्टाचार्य - Ramshankar Bhattacharya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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नागरीप्रचारिणी पत्रिका वध ६० ; संबत्‌ २०१२: अंक २ महाकवि भूषण का समय [ केप्टेन शूर्वीर सिंह ] সন্থাঙ্ছবি भूषण के संबंध में जो श्रन्वेषण श्रव॒ तक हुए हैं, उनमें भूषण के काल- निर्णय १र मतभेद रहा है। श्री भगीरथ प्रसाद दीक्षित ने भूषण फा जन्म-संवत्‌ १७३८ एवं मृत्यु-संवत्‌ १८०० माना है। आचाय रामचंद्र शुक्ल ने इनका अन्म-संवत्‌ १६७० और मृत्यु संवत्‌ १७७२ लिंखा है। “मिश्रबंधु विनोद! में भूषण फा जन्म-फाल अनुमान से संवत्‌ १६७० और मृत्यु-संवत्‌ १७७२ बताया गया है। इनके ग्रंथ 'शिवराजभूषण', (शिवात्रावनी”, छुत्रसाल दसक' और स्फुट छुंद ही श्रत्न तक हिंदी-जगत्‌ के समझ आए हैं। 'मिश्रबन्धु विनोद! में मिश्रतनन्धुओं ने भूषण उल्लास”, ব্য उल्लास” एवं “भूषण हजारा' नामक अंथ भी.महाकवि भूषण द्वारा रचित लिखे हैं, परंतु इस उल्लेख के साथ कि इन तीनों ग्रंथों का अब पता नहीं चलता | धसिश्रजन्धु विनोदः मे कहाकवि भूषण का कविता-काल संवत्‌ १७०५ माना गया है। सौभाग्य से मुझे हाल ही में भूषण कृत एक अलंकार प्रकाश” नामक प्रंथ की प्रति- लिपि उपलब्ध हुई है, जिसका रचनाकाल भी संघत्‌ १७०५ ही है। इसमें दस उल्लास हैं, जिससे ग्रंथ का नाम “भूषण उल्लास” होना विदित होता है। इस ग्रंथ के श्रप्राप्य होने का उल्लेख मिश्रत्रन्धु विनोद में भी है। इस अंथ फी उपलब्धि से महाकवि भूषण का काल प्रामाणिक रूप से निश्चित हो जाता है, एवं हिन्दी जगत के समक्ष भूषण के, अरब तक अशात, वास्तविक नाम पर भी प्रकाश पड़ता है। यह पुस्तक एक साहित्य-प्रेमी सजन के द्वारा जिला उन्नाव से प्राप्त हुई है और भूषण ने इसकी रचना गहरवार वंशीय मरेश देवीशाह श्रथवा देवी सिंह बुदेला के लिए की थी। पुस्तक के दूसरे प्रष्ठ के बाद के भी षृ खस हैं, जिनमें संम्भवतः भूषण के वंश-परिचय एवं निवास-स्थान का भी विस्तृत उल्लेख रहा होंगा, क्योंकि राज्यवंश-पर्णन फा क्रम दूसरे पृष्ठ में है। प्राय




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