लय १ | Laya-1

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Book Image : लय १  - Laya-1

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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काशीनाथ पाण्डेय : छह कविताएँ ও. গচ্চাধ্ঠ' दिवस ओ, मेरे टुटे अकारथ दिवस | ~~मुञ् पर ट्टी, मुझे फाड़ खाओ..., रत की अंधियालो-नींद मै अभिर उरौने-सा मगर, मत धुमो । 3. श्रा6प्रक छुपा ही गया । आखिर अपने को, बचा ही गया | डायरी-कविता-कहानी-- परदा-दरपरदा, आखिर अपने को, छुपा हो गया ! खुले तो, मले ही, खुल गये, 'रा5ज़ !' अपने को मैं, मगर, ---वचा ही गया । धुप ही गया | ४. ठर, लो गर देखता) हू किप्ती याद की मेंहदी का रंग दिल की हथेलियों से मिटने लगा है | द्स




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