महावीर वाणी | Mahaveer Vani

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Mahaveer Vani by आचार्य रजनीश - Aachary Rajaneesh

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आचार्य श्री रजनीश ( ओशो ) - Acharya Shri Rajneesh (OSHO)

ओशो (मूल नाम रजनीश) (जन्मतः चंद्र मोहन जैन, ११ दिसम्बर १९३१ - १९ जनवरी १९९०), जिन्हें क्रमशः भगवान श्री रजनीश, ओशो रजनीश, या केवल रजनीश के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय विचारक, धर्मगुरु और रजनीश आंदोलन के प्रणेता-नेता थे। अपने संपूर्ण जीवनकाल में आचार्य रजनीश को एक विवादास्पद रहस्यदर्शी, गुरु और आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में देखा गया। वे धार्मिक रूढ़िवादिता के बहुत कठोर आलोचक थे, जिसकी वजह से वह बहुत ही जल्दी विवादित हो गए और ताउम्र विवादित ही रहे। १९६० के दशक में उन्होंने पूरे भारत में एक सार्वजनिक वक्ता के रूप में यात्रा की और वे समाजवाद, महात्मा गाँधी, और हिंदू धार्मिक रूढ़िवाद के प्रखर आलो

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ १५ ) पैर छूने का प्रमाण-पत्र पने पलि को खवर नहीं की ? संयम भौर वेषे हृए घो को लगाम भोवरफेड समाज का अनशन उपवास से आपको मिलता वया है ? चुनाव क्षेत्र मे नसरहीन का दीरा ग्रीन का यंत्र और मत की प्रकाश रेखाएँ 'अहा एक्सपीरिएंस' : विज्ञान के आँगन से काम-वासना का शीर्पासन ब्रह्मचारी की कंजूसी यह्‌ सम्थक्‌' क्या वला है ? कहानी का सब्जेव्ट मैटर कया आप हीरो बनना पसन्द करेंगे ? स्वर्ग में अखबार क्यो नहीं है ? संतुलन के लिए गालियाँ ! संयम की विधायक दृष्टि भौ साधना का पागलपन संयम--सिकुड़ाब नहीं, फैलाव दै संयम का विधायक आयाम संयमी के आसपास आँसू ! अपनी छाया से लड़ता हुआ आदमी भला वह संबम क्‍या करेगा, जो '*' ! उलदि दियो जिम्या अन्दर भन्नाते हुए भींगुर अँतर्यात्रा की प्रक्रिया ५ ই स्पश के रास्ते से माप कमजोरी वते, हम धतु बतायेंगे हाथ पर नाराज न हों अंधरो पढ़ें हाथ धरि आखर किताव छोड़ देने के दिच भा गये मोर्‌ वृद्ध नदी पार न कर पाये १६९ १७० १७१ १७२ १७३ १७४ १७५ १७६ १७७ 1৩৫ १७६ १८० १८९ १८२ १८१ १८५. १८९ १६० १६९१ १६२ १९३ १९४ १९४ १९६ १९६ १९७ १६६९ २५५ २९१ २०३




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