भारत के तमाम प्रांतो में स्थित | Bharat Ke Tamam Pranto me Sthit

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Bharat Ke Tamam Pranto me Sthit  by फूलचन्द जैन प्रेमी - Foolchand Jain Premi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about फूलचन्द जैन प्रेमी - Foolchand Jain Premi

Add Infomation AboutFoolchand Jain Premi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
ছয় তরল श्री वीतरागाय नम। महा मन्व-नवकार णसो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो अआगयरियाणं णमो उवच्ायाणं णमो लोए स्च स्राहुणं देतो पंच एमदक्कारों सब्तपात्रप्पणासणों ॐ मंगला्ग चर सब्चेसि पद्म हवई मंगल




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now