दिवाली के पटाखे | Deewali Ke Patakhe
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
665 KB
कुल पष्ठ :
72
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)6:
मृन्नी
सरला-तरला
थप्प राटी थप्प दाल 15
ह 1 पर एक वात है। इस खेल
मे ओर वच्चो की जरूरत पडेगी ।
इसमे क्या है ? मै अपने दोस्तो
को बुला लूँगा, तू अपनी सहेलियो'
को बुला ले ।
हाँ, यह ठीक है । हाँ भई, सब
अपनी-अपनी जगह भाग जाओ |
एक-दो-तीन -
[खेल शुरू होने से पहले सगीत-
स्वर । फिर सगीत-स्वर क्रम
कम होता जाता हे और मठा
चलाने की हाँडी लेकर अभिनय
के साथ दो बच्चियाँ लयबद्ध कदम
रहती हुई रगमच पर आती हं ।
फिर गगरी उतारने का और रई
से मठा चलाने का अभिनय करती
हें। साथ ही निम्नलिखित गीत
गाती हे ।]
घुम्मड घुम्मड दही बिलोवे,
जाटनी का छोरा रोवे ।
रोता है तो रोने दे,
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