यूक्लिड की ज्यामिति [अध्याय १] | Euclid Ki Jyamiti [Adhyaya 1]

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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साथ्य + अस्तूप्षांदय - ... | ক इर्मलिध कग एग रुरम्पर ममान रें || न इसलय कग कर तग परस्पर ससान हैं | | इमलिधरं कवग ससत्रिवाह विकाण हैं गैर वर्क हडे सोौधो रा» करव पर बनाया गया हे ॥ साध्य २ वस्तू पपाद्य । दिये हुवे ब्िन्द से दो উহ লীপ্রা रेखा के ससान एक सोधों रेखा सोचो ॥ জা मान ला कि क दिया हुवा লিলা हें ओर खरा दी हुई सौध) ग्खा हैं! बिन्द्र कु से एक सोधों रेखा खग के ससान खोंचना चाहते हैं ¦ बनावट - खक को মিলা হা ग्रनु. १. ओर करब पर घकरत्र ससत्रिबाहु विकोण बनाओ १, १. कन्दर ख सेखगक्षो व्यासाद्ध मान कर ठत्त गजम चा अनु, ३. घण का ठृत्त गजम से मिलने के लिय ज तक बढ़ाओ रनु. २. बन्दर घस घज को व्यासाद्धं मानकर वत्त जटक बनाओ और अन. ३. घक को दत्त जटक से मिलने कं लिय क् तक बढ़ाओ श्लु. > तो कक खग परस्पर লাল होंगे ॥ प्रमाया - क्याक्रिं ख वत्त गजम का कन्दर ই इसलिधं खग खल परस्पर समान हैं षनला, १९. . ओर क्यांकि घर तृत्त जठक का कन्दरे উ আন্টি गज परस्पर बराबर है स्तरा, १५.




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