जाब्तिदीवानी | jabti Diwani
श्रेणी : अन्य / Others
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
111
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)३४ ` ` ` ज्ाव्तेदीवानो 1 `
दफ़ा (६४ ) जो ऊपर छिखीहुई वजहातमेंसे कोई
वजह नहों तो अदालत को इस्तियार होगा कि फरो
क्रनको बर बखाने के दस्वास्त नामंज॒र करदे ओर
जी कों कापफ़ीवजह हो तो तारीख़ मुक़रर करके दूसरे
फरी़ को इत्तिरश्न दीजावे ॥
दफा (६४) इसपिछंटी सरतमें जो ज़रूरत हो तो
मक़दमेकीकाररवाई वसीही की जावेगी जैसी कि मीस-
) मक़द्दम की ॥
| अपील
दफ़ा.( ६६ ) सिवाय किसी ख़ासवजहकेनीचेकी अ-
दालतका अपीछ ऊपरकी अदालत में दायर होगा औरं
` वीचके हुकमोका अपीरनहोगा॥.. . _. -
दफा ( €७) तहसीलदारी या कीतवालीके फ स-
लसे अदारुतदीवानी में और अदाछतदीवानीसे महकमे
` खासमेंजी अपीलहो उसकोमीआंदफ सछेकोतारोख़ या
इत्तिलागपानेकी तारीख़से.दो महीने होगी जोदिनहुक्म
की नक़ल लेनेम गज़रें वो मोआदमे नहीं गिनेजायंगे॥
. दफा(६८) अपीछकी अरज्ञीमेंफजंठ बातें नहीं लिखी
जानी चाहियें--अदालंत का नाम नम्बंर और मक़दमे
का अनवान फं सछे की तारीख़ कि जिंसका अपील हो
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