अमरीका में मजदूर आन्दोलन | America Me Majadoor Andolan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
24 MB
कुल पष्ठ :
523
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)झौपनिवेशिक अमरीका
१६१६ में लन्दन की कॉमन कौन्सिल ने “एक 7
लिए जिन्हें कुछ वर्षों तक श्रप्रैण्टिस के तौर पर काम करने के-:लिये অর্জীলিষা
भेजा जाना था । प्रिवी कौंसिल ने इस वात की जांच की भ्रौर “इतनी गरीब
श्रात्माओं को कष्ट श्रौर विनाश से उबारने के लिये” अधिकारियों की प्रशंसा
करते हुए वर्जीनिया कम्पनी को यह अ्रधिकार दिया कि “अश्रगर कोई वालक
किसी किस्म की गड़बड़ी करता है तो अपने उद्देश्य के मुताबिक वह उन्हें जेल
भेज सकती है, सजा दे सकती है या उनके साथ श्रन्य प्रकार के वर्ताव कर
सकती है भौर इस प्रकार उन्दं श्रपनी सहू लियत के मुताविक भश्रधिक से अधिक
तेजी से वर्जीनिया भेज सकती है ।”
लगभग ४० वं वाद व्जीनिया कम्पनी द्वारा इस रिवाज का दुटपयोग
किए जाने पर शायद प्रिवी कौंसिल कौ श्रांखें खुली । पता चला कि ग्रेवसेण्ड्स
पर दा जहाज लंगर उले खड़े हैँ उनम वच्चे व श्रन्य नौकर दोनों है “जिन्हें
धोखा व प्रलोभन देकर लाया गया है श्र जो अपने छुटकारे के लिए चीख
पुकार मचा रहे हैं ।” यह आदेश दिया गया कि जिन कन्हं लोगों को उनकी
इच्छा के विरूद्ध रोक रखा गया है--“यह इतनी बवेर और श्रमानवीय चीज
थी कि स्वयं प्रकृति श्रौर उससे भी ज्वादा ईसाई उएसे घृणा किए विना नहीं
रह सकते थे---” उन्हें तुरत्त रिहा कर दिया जाए ।
इस परिस्थितियों में यह फके करना बहुत कठिन था कि कौन अपनी
इच्छा से जा रहा शौर किसे जबर्दस्ती ले जाया जा रहा है, विशेषकर तब
जब कि वे नादान गरीब और अवोध वालक उपनिवेश्यों में ऐसे करारवद्ध
नौकरों की संख्या निस्सन्देह काफी थी जो ज्ञायद उस किश्लोरी की करुण गाथा
को प्रतिध्वचनित करें जिसका “सोट-बीड फैक्टर या मेरीलैण्ड की एक यात्रा”
नासक १७०८ में प्रकाशित लघु पुस्तिका में वर्णन आया है ।
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