संगीत सुदर्शन | Sangit Sudarshan

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Book Image : संगीत सुदर्शन  - Sangit Sudarshan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शुद्धिपत्र ३ १२५ पृष्ठपर शद्ध सारङ्ग फी गव मे ज दे मीरे है उनको नौक पडदेपर जानना भर्या रा वजाफर पचम को मीना दतै समय मध्यम की सीट पर खा घजाना। १०८ प्रृष्ठपर घूरिया सक्षार फी गत में जे एक का ध्यक है उसे ११ का श्रेक डा के नीचे जानना | १२९ पृष्ठपर नट मल्लासी मे फमी छमी ऋषम फो दोस देना । १३८ प्ृष्ठपर हिंडाज्ञ की गत में तीसरी मीड फो सथा तोड़े में मी घासरी मीड फो घढे मध्यम की मीठ जानना । १४७ प््ठपर पित्त प्रपान रोगो के लिए भ्रासावरी प्रभति का गाना, पज़ाना द्वितफर है। थदि प्रौर कोई भशुद्धि नज़र सें आए हे प्रपनी थुद्धि से उसे शुद्ध फर छोना! गते की शुद्धि के ज्षिप उस उस राग के छक्षणपर पूरा ध्यान देना, भिस राग में जे स्वर वर्जित लिखा है बद्द स्पर उस राग में कदापि न छगाना। मेरे सीते जी पदि यष प्रन्थ तीसरी बेर छपा ते इसका कुछ पैर भी चढ़ा दगा । किसी उत्तम शुरु से कुछ सीखिये । इत्पक्षम्‌ |




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