उज्जवल नीलरस | Ujjwal Nilras
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22 MB
कुल पष्ठ :
80
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)तुम भी चाहो तो द |
इस डोर को खींच लो
और किसी ऐसे पोखर की तलाश करो
जो सतहो पर छलछलाता रहता है
और हर किसी को
वह वापस कर देता है
ৃ जो बह बह कर
उस तक
। आता रहा है-- :
भागती हुई यात्रा के साक्षी
ये पोखर `
किसी को असमर्थ नहीं छोड़ते
कहीं कुछ नहीं जोड़ते !
{` जोड़ना क्या ज़रू री है
उस अंधे पानी
और फाँसी की तरह लंटको
| | ২. अधूरी डोर का ?
| छोटा-सा संकल्प
।। एक धंसती हुई याता पर छोड देता है
| सिफं खर खर“ खर खर खर खर
এ और रहस्यभरे हिचकोलों को
७27 55 को निरर्थक झाँकती हुई टकटकी ! ..
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