प्रेम पुष्पांजलि | Prem-pushpanjali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
242
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रमुग्रेम « ५
र--प्रसुःप्रेम
मजन नं ५
मु तेये प्रेम पदार्थ पाऊं।
निज भक्तों फो प्रेम तुम दीना में भुखा फहां जाऊं।
प्रेम ही भीतर प्रेम दी वादर प्रेम ही स लो लाऊं।
ই दी प्रेम से हो मतघाला अपना आप ही भुलाऊँ।
खय भेरी विनय झुनो प्रभु मेरे और किसे में सुनाऊँ।
दासों फी मंडली में सांझ सवेरे तेरे दी गुण गाऊँ ।
नेते दी परेम प्याला पीझर विद्वासी बन जाऊँ।
भजन नें० ६
प्रेम के रंग से रंगी चुरियां मुझ भिक्षुक फो दान करो 1
पापकः सोर घन्धन काटे यद्द मुश्किल आसान करो 1
यर्दा फी शीतल वारी देकर पाप ताप फी पीर हरो ।
प्रेम का बलूदे मुझको अपनी दी सेवा में प्रदण करो ।
सय धनो खाद तन मनो ध्रु यद विद्वासी तो
शरण पषा
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