गीत | geet
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
920 KB
कुल पष्ठ :
161
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)चढकर, गिरकर, फिर उठकर,
कहता तु अमर कहानी,
गिरि के अचल में करता
कूजित कल्याणी वारी;
इस ध्वनि पर प्रतिध्वनि करती
रह रह क्र रप्यत्त-माला,
यह गुफा गीत यात्री है
औओढे नव हर इुशाला।
बे.जाना गाद छुनाता,
जाना सा जी मे থালা,
अवनी-तल ग्या, हीतल मे,
तू शीतल धूम मचाता।
ष्या तूने ही नारद क
লালা নালা?
क्या तुमसे ही माधत ने
सीसा या मुरलि बजाना?
क्या? मेरे गीत सघुर है?
परद् गया तुम्झारा पानी!
ऊँचे দা পন্থা मे,
मेने कक কাশ কান ?
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