चाँदी की डिबिया | Chandi Ki Dibiya
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
236
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दृश्य २ ] चाँदी की डिचिया
हृश्य २
[ बाथिविक का खाने का कमरा । जैक अभी तक
सोया हुआ है । सुबह की रौशनी परदों से होकर
शा रही हैं। समय साढ़े आठ बजे का है। ह्ीलर
जो एक पुर्तीरी श्रौरत है, कूड़े की टोकरी लिये
आती है । और मिसेज़ जोन्स भ्राहिसता-आहिस्ता
कोयले की टोकरी लिए दाख़िल होती है | ]
हीलर
[ परदा उठाकर ]
जब तुम कल चली गई, तो वह तुम्हारा निखट्ट
शोहर तुम्हारी रोह म चक्कर लगा रहा था;
मैं समझती हैँ, शराब के लिए तुमले रुपया
माँग रहा था । वह आध घंदे तक यहाँ कोने
में पड़ा रहा । जब में कल रात को डाक
लेने गई तो मैने उसे होटल के बाहर खड़े
देखा । अगर तुम्हारी जगह में होती, तो कभी
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