चूना घाटी | Chuna Ghati
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)০১১০ [ साठ पंक्तियाँ |
पाठकगण, तुम इसी सुकवि को,
अब शादी का हाल सुनो 1
লাবনী, নত सगदं का,
चरवादी का दाल सुनो ॥
चूनाचादी नामक छुन्दर,
एक नगर था अति अभिराम !
व्याह यहीं इस कविवर का था,
हुआ परम शुभ और ललाम ॥
व्याह जादियों में लड़ भिड़कर,
समधी नाहक रोते हैं।
समधी सिघा और नालकी,
दीन छुटिल ही होते हैं ॥
User Reviews
No Reviews | Add Yours...