चूना घाटी | Chuna Ghati

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Chuna Ghati by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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০১১০ [ साठ पंक्तियाँ | पाठकगण, तुम इसी सुकवि को, अब शादी का हाल सुनो 1 লাবনী, নত सगदं का, चरवादी का दाल सुनो ॥ चूनाचादी नामक छुन्दर, एक नगर था अति अभिराम ! व्याह यहीं इस कविवर का था, हुआ परम शुभ और ललाम ॥ व्याह जादियों में लड़ भिड़कर, समधी नाहक रोते हैं। समधी सिघा और नालकी, दीन छुटिल ही होते हैं ॥




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