भाव तेरे शब्द मेरे | Bhav Tere Shabd Mere
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
98
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बज का + हुक লা সহ शहद
है
तुम मधुर मुसकान दो
गीत के स्वर साध हूँ मैं ।
पुण्य जब करता रहा
तो कीति का. लोलुप कहाया,
साधना को स्वार्थ की ही
सिद्धि का साधन बताया,
पर न है चिन्ता मुझे कुछ
जग अभी क्या क्या कहेगा, ,.
मैं तुम्हारे रूप चिन्तन में 21
সুতার
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