श्री रामचरितमानस रामायण | shree ramcharitmanas ramayan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
81 MB
कुल पष्ठ :
575
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ইল -* अलका १४ _ ____ (७) # बालकाण्डम् १ # (७)
पलपरिहास होइ हितमोरा # काक कहहिं कलकंठकठारा
' || दसाहे बकगाढुर चातकही # हँसहिंमलिनपलुब्रिमलवतकही
कबितरासेक न रामपदनेहू # तिन्हकहँ सुषदहाँसरसएह
भाषाभनितिभोरिमतिगोरी # हँसिबे जोगहँसे नहिं पोरी
प्रशुपदर्प्नीतिनसामझिनीकी# तिन्हहिंकथा सुनिलागिहिफीका
हारिहरपद्रतिमातिनइतरकी % तिन्हकहँमधरकथा रघुबरकी
रामभगतिभ्रषित जिथजानी & सुनिहहिंस॒जनसराहि सवानी
कबिनहोउँ नहिंचतुरप्रबीत & सकल कर्स सब विद्याहीन |
आपरअरथ अडकझतनाना # छंद प्रबंध अनेक विधाना
भाव भद् रस मेद् अपारा # कवितदोषशनागिविधिकारा
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कषित बिबेक एकनहिंमोरे & सत्यकहोंलिखि कागदकोरे
दो भनिति मोरि सबग॒नराहित, विस्वविदित शुनएक।
सो बिचारि ध॒निहहिं सुमति, जिन्हकें बिमलबिबेक९
एहेमहरघुपतिनामउद।रा % अतिपावनप्रशन श्रतिसारा
मंगल भवन अमंगल हारी & उमासहितजेहिजपतपुरारी
. | भनितिबिचित्रसुकविह्तजेऊ& रामनाम विच सो हतसोउ
|| विधुवदनी सवभांति वारी % सोह न वसन विना कनारी
` || सबणनरहितकुकाबिङतवानी% रामनामजस अकरितजानी
सादरकहहिंसुनहिंबृधताही # मधुकंरसरिससंत गनग्राही |
जदपिकावितरसएकों नाहीं # रामप्रताप प्रगटएहि माहीं
सोइमसेस मोरे मन आवा # केहिनसुसंग बड|पन पावा
तजे सहज कहआई # अगर प्रसंग सुगंध, बसाईं॥
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