श्री रामचरितमानस रामायण | shree ramcharitmanas ramayan

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shree ramcharitmanas ramayan  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ইল -* अलका १४ _ ____ (७) # बालकाण्डम्‌ १ # (७) पलपरिहास होइ हितमोरा # काक कहहिं कलकंठकठारा ' || दसाहे बकगाढुर चातकही # हँसहिंमलिनपलुब्रिमलवतकही कबितरासेक न रामपदनेहू # तिन्हकहँ सुषदहाँसरसएह भाषाभनितिभोरिमतिगोरी # हँसिबे जोगहँसे नहिं पोरी प्रशुपदर्प्नीतिनसामझिनीकी# तिन्हहिंकथा सुनिलागिहिफीका हारिहरपद्रतिमातिनइतरकी % तिन्हकहँमधरकथा रघुबरकी रामभगतिभ्रषित जिथजानी & सुनिहहिंस॒जनसराहि सवानी कबिनहोउँ नहिंचतुरप्रबीत & सकल कर्स सब विद्याहीन | आपरअरथ अडकझतनाना # छंद प्रबंध अनेक विधाना भाव भद्‌ रस मेद्‌ अपारा # कवितदोषशनागिविधिकारा का कषित बिबेक एकनहिंमोरे & सत्यकहोंलिखि कागदकोरे दो भनिति मोरि सबग॒नराहित, विस्वविदित शुनएक। सो बिचारि ध॒निहहिं सुमति, जिन्हकें बिमलबिबेक९ एहेमहरघुपतिनामउद।रा % अतिपावनप्रशन श्रतिसारा मंगल भवन अमंगल हारी & उमासहितजेहिजपतपुरारी . | भनितिबिचित्रसुकविह्तजेऊ& रामनाम विच सो हतसोउ || विधुवदनी सवभांति वारी % सोह न वसन विना कनारी ` || सबणनरहितकुकाबिङतवानी% रामनामजस अकरितजानी सादरकहहिंसुनहिंबृधताही # मधुकंरसरिससंत गनग्राही | जदपिकावितरसएकों नाहीं # रामप्रताप प्रगटएहि माहीं सोइमसेस मोरे मन आवा # केहिनसुसंग बड|पन पावा तजे सहज कहआई # अगर प्रसंग सुगंध, बसाईं॥ ডি 2] हम বি ১০ টব (क 557 15 12% 0220 1 ५ 2 ता 3 মু শি 0 प ০ पाप है .




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