ब्रह्मचर्य और आत्मसयम | Brahmacharya Aur Aatm Sayam

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Book Image : ब्रह्मचर्य और आत्मसयम  - Brahmacharya Aur Aatm Sayam

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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साधन राम-नाम किंतु इसी अकार के झन्य मन्त्र हैं । द्वादश मन्त्र भी यद्दी काम कर सकेगा । जिसकी जैसी धारणा हो, ' उसी अ्रक्ार के मंत्र का जाप झभिट्ट दै। जिस मंत्र का जाप हमें हो समें लीन हो जाना चाहिये । .य समस्त भावी झापत्तियों से उसकी रक्षा करेगा । ऐसे पत्रित्र मंत्रां का चपयोग किसी को आर्थिक लाभ के लिये कदापि न. करना चाहिए। इन मंत्रों की महत्ता झपनी नियति को सुरक्षित रखने. है। दर यह झनुभव तो. अत्येक साधक को तुरंत प्राप्त हो. जायगा. | हाँ इतना ध्यान रखना चाहिए कि. इन मंत्रों की तोता-रठंति से कुछ नहीं हो सकता । उनमें तो अपने झात्मपप्रवेश की झावश्यकता है । तोते तो मंत्र की भांति करते विश्वास के साध कि जाप करते रहना चाहिए | कि




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