सदिशों का निरूपण और विघटन | Sadisho ka nirupan aur vighatan

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Sadisho ka nirupan aur vighatan  by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सदिशों का निरूपणा और विधटन 11 ¶ 1 तव ৪ न्मे यह रुपप्ट है कि इकाई सदिश का व्यूत्कम-सदिश स्वेय इकाई सदिश ही है । इसलिये इकाई-सदिश स्वत -व्युत्कम ($९॥ 1८०70८४) सदि है । 1.12 स्थिति-सदिश (00১0516007 ৮6০6019) यदि ० एक नियत मूल-विन्दु है तो किसी बिन्दु ही स्थिति श्रद्वितीय रूप से सदिश 00 द्वाया श्रभिव्यक्त की जा सकती है । 07, ? चिन्दु का0के सापेक्ष स्थिति-सदिण कहलाता है । श्रत. ? का 0 के सापेक्ष स्थिति-सदिश एक ইমা বি टै जिसका प्रारम्भिके विन्दु तो0 है धरोर श्रन्तिमि बिन्दु (वपाय) एण) ? है । जिन सदिशों का एक ही प्रारम्भिक बिन्दु होता है वह सह-प्रारम्मिक-सदिश (0०-10) कहलाते है । यदि हमें पुलन-बिन्दु 0 दिया हुग्ना हो, तो भ्रवकाश में किसी भी बिन्दु ? के साथ हम सदिश 09 (5८7) का सम्बन्ध जोड़ सकते हैं । विलोमतः हमे यदि कोई सदिश दिया हुआ है तो मूल-विन्दु 0 के सापेक्ष हम एक बिन्दु ? ऐसा अ्रवकाश मे ज्ञात कर सकते है कि 02 दिये हुए सदिश को भ्रभिव्यक्त करता है । इस प्रकार गुली डीयन (८०९।८य) भ्रवकाण मे प्रत्येक बिन्दु के साथ एक सदिश का सम्बन्ध जोड़ने से उपलब्ध सदिशों की पद्धति को सदिश-दक्षेत्र (४००७०: 1011) कहते हैं । सुविधा के लिये बिन्दुओं 8,8,0 ... के स्थिति-सदिशों को मोटे टाइप के चिह्नों कलेरेन्डन (2201007) लिपि के वर्णों ॥,0,९ .,.द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। श्रतः सदिशं ऋण! 48 ==9- 3 वयोकि- ৬ > জলা 48৯/০+০৪৯-৪4৮-৯- ৪ (नीवै श्रनुच्छेद 1:13 के चित्र मे देखें) 1.13 दो विन्दुओं को मिलाने वाली रेखा को #: # के अनुपात में विभाजित करने वाले बिन्दु को ज्ञात करना (7०170 ९ एप क्रकल क्व पष्ट [भेव 01110 00106510200) 1869 2122)




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