भाषाभास्कर | Bhasha Bhaskar
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6.8 MB
कुल पष्ठ :
122
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डब्लू. ऐथिरिंगटन - W. Etheringtion
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)साधालास्थर घन ४८ न मर ये अपने २ वचगों के स्थान नासिका से भी चाले जातें हैं इसलिये थे साननसिक कछाते हैं ॥ _. ४£. जिन अक्षरों के स्थान और प्रयन्न समान छोतें हैं वे आपस न सब न मे... सि७ ही 2२ कर से कहांति- हैं जेसे का ओर ग का स्थान कणठ हे ओर इनका समान प्रस्ल हे इस कारण क ग आपस में सबसयें कहाते हैं । नीचे के दे। चक्नां वे बणेमाला अचारों के स्थान श्रार प्रयल्न ज्ञात छाते हें ॥ छु0 कि स्वर चढ़ ी और चाप प्रयत्न 0 | दीघं स्थान |. दीं काणठ . ।- अऋ च्प्रा बाण्ठ +- तालु स् तालु न +- तालु रे सेठ | उठ. | जे न ओप्ठ | सा मुद्दा. | ऋ | कण्ठ न ओ द्न्त जद । टू जन चना छाष अपघाप ५. पु थ्रि हर कद स्थान - लिए छि दि हि | लि छा की कि छि चर | कण्ठ य श॒ | तालु बी सनक न शी लय सर लिप पर सी मम अल के. र | प म़्द्धा रो लल स द्भ्त हट नि रितिक सिर व इत्व प्शरा चार मा
User Reviews
No Reviews | Add Yours...