समय रा दसखत | Samaya Ra Daskhat

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आकार - विकार देख रेयो तं अपलक साक्षात्‌ जठे - जठे आकाश, और जिका देखे वे सिगला मंजर करे ओ ही आकाश । पा जासो थं उण रे, ई पार अन्त हीन आकाश । कारण, खोज रेयो त॑ रूप आकाश रो, है जठे मिले अवकाश बठे - वठे मौजूद आकाश रूपी नहीं; अरूपी है किण माफक देख सकौला ? अरूप में रूप -थे खुद हौ . निराकार में आकार - थ' ई हुवौला ! ঙ




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