समय रा दसखत | Samaya Ra Daskhat
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
806 KB
कुल पष्ठ :
108
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आकार - विकार
देख रेयो तं
अपलक साक्षात्
जठे - जठे आकाश,
और जिका देखे वे सिगला
मंजर करे ओ ही आकाश ।
पा जासो थं
उण रे, ई पार
अन्त हीन आकाश ।
कारण,
खोज रेयो त॑
रूप आकाश रो,
है जठे मिले अवकाश
बठे - वठे मौजूद आकाश
रूपी नहीं; अरूपी है
किण माफक देख सकौला ?
अरूप में रूप -थे खुद हौ
. निराकार में आकार - थ' ई हुवौला !
ঙ
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