आम का बगीचा | Aam Ka Bagicha

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Aam Ka Bagicha by वीरेंद्र नारायण - Veerendra Narayana

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रेम करता है । लेकिन नही जानता कि प्रेम निवदन किस प्रकार किया जाता है। अतत उलला के प्रति उसका निवेदन अधूरा ही रह जाता है। জব भी ऐसे मौब' आते है, किसी न कसी तरह अपनी व्यापार बुद्धि वे चक्करम पडवर वह्‌ वात का जनक्दी छोड देता दै, कहने का साहस नही वटोर्‌ सक्ता या मौवा समय नही पाता 1 गदाधर---पुजाता वे परिवार वा पटवारी जो परिवार वी प्रतिप्ठा बे' लिए ही बता है। आया सोनिया से प्रेम करता है। लेकिन उसके' जीवन का एक दृष्टिकोण बन गया है कि प्रतिदिन उसके साथ कोई न-कोई अप्रिय घटना घटती ही रहती है। इसी एक राग को वह हमेशा जलापता रहता है। पहले तो सानिया उसकी तरफ आइप्ट होती है। लेकिन तिनकीडी के आने पर जब सोनिया तिनकौडी की ओर युकती है तो इसे भी एक अप्रिय घटना समचवर बह सताप कर लेता है। अपन वा जभिव्यवत वरन वे जिए यट एक्तारा पर गाना भी गाता है और मान जेता है कि प्रेमिया व' लिए यही तानपूरा है। गोवधन - कसी जमाने म धनी और सम्पन्न था। लेबिन आजक्ल व।ई काम नही बरता। कज पर जीता है और सूद की रफ़म चुवाने वे लिए फिर बज लता है। गठिया और रक्तचाप का मरीज है। लेविन शरीर से वल की तरह मोटा और ताकतवर है। उसवा विश्वास है कि बोई-न कोई रास्ता उसके लिए निवत ही आयेगा $ एक बार जब हालत खस्ता हा गई थी तो उसवी जमीन रलत् ने खरीद ली। इस बार भी उसबी एवं वजर जमीन में कोयले वी खात निवल आई। उसकी खटबी पढ़ी लिखी है। उससे पुननन्‍्मुन कर उसने उहुत सारी बातें याद कर ली हैँ--दाशनिवा वे नाम, दशन थे सिद्धाव1 नमिन यह्‌ चूठ नही वो बता । पूछने पर साफ़ बह देता है वि उसकी सड्वीन ये विताडे पड़ी हैं ) उसने नहों ।




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