सामुद्रिक सटिक | सामुद्रिक सटिक

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सामुद्रिक सटिक by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सामुद्रिक सटीक । फल दर्शित है तो लोक में मात्य हेनिका चिन्द है ।बड़ा माननीय सखी सरदार चौधरी नासी हें। छठी रेखाके मध्यमर्भ सुखफल मतीतड्े यदिरिखा ४ है तो संक्ेप से संसारमेंमोगकढ़ेगा। बढ़ासुसी धनीनददींदो गाश्मौरलोकमे अपसानमीबहुतपावेगा यहेनारायणब्रह्मासेकड्देकि डगलीकनिष्टाके मुलल से संम्पूर्णामाशियोंके जन्मयरकेसुख,थोग,विभव ज्ञानीभ्ोरभ्रज्ञानियोंकालक्षणरेखारोम्रतीतद्दोत है सोरेसामध्यब्रह्माजीनेमाशियों केमोगको लिखा है कनिष्रामूलसंयुक्ता घिरेखा यस्य दृश्थते । एक युग्मं ततीयं चतुथ चाणसंयुतम्‌ ॥ २ ॥ जिसप्राणीकदस्त मध्येकनिष्ठा उंगलीकेमल जड़ तलयदि तीन रेखाक चिन्इ प्रतीते हों तो अर्थ धर्म काम यह तीन पदा्थको लोक मध्य भोगकरने का चिंह है। यदि एक रखा हो तोधनी है दो रेखा स घर्मात्माददो, तीनरखासे बढ़ामोगकर्ता हे, चार - रखासे बहुत स्त्रियोंस भोगकर्ता , हो पैंचरखा




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