जैन तत्त्वज्ञान-दिग्दर्शन | Jain Tattvgyan-Digdarshan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
220
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पिषय-सुची
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फ्रम-संख्या विपय-नाम प्रष्ठस॑ख्या
१--पश्चीस द्वारों का नामनिदेश ९
२-नयवाद् प्रथम द्वार २-११
(र) सात नयों के नाम
(आ) सात नयों का विस्तारपूर्वक विवेचन
(द) नयवाद पर एक शासनीय द्टान्त
(ই) नयवाद् पर पायली का द्वितीय दृष्टान्त
(उ) नयवाद का दृष्टान्तपूर्वंक समर्थन
(ऊ) सात नय का व्यवहार निय में विभाजन
३--नित्तेपवाद द्वितीय हार १२-१६
(र) निक्षेप के चार উহ
(आ) नित्तेषों की व्याख्या
(£) नित्तेपों फे प्रमेदों का स्वरूप सौर संख्या
४--द्रन्य-गण-पर्याय दृतीय दार १७-१६
५४--द्रव्यन्कषेत्र-काल-भांव चौथा द्वार २०-३१
(र) च दर्व्या का सुषम परिचय
(आ) ल्लोकं का सेच्रफल-कथत
(६) शास्त्रीय दृष्टि से लंबाई-पेमाना
(६) पल्योपम फा स्वरूप और कालघक्र
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