तुलसीसतसई | Tulsistsai

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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तुल्सीसतसई।. .( ११1 हरेचरहिंतापहिबरे, फरेपसारहिहाथ ॥ तुलसीस्वारथमीतजग, परमारथरघुनाथ ॥६९॥ तुलसीखोयेदासकर, राखतरछुपरमान ॥ ज्योंग्रखपूरोहितहि। देतदानयजमान ॥ ६३ ॥ ज्योंजगवेरीमीनको, आपुसहितपरिवार ॥ त्योंतुल्सीरचुनाथविन, आपदिभशानिकार ६४ तुलसीरामभरोसशिर, लियपापथरिमोट ॥ ज्योंग्यभिचारीनारिकहूँ,बडीखसमकीओट६५॥ स्वामीसीतानाथजी, तुमलगिमेरीदोौर ॥ तुलसीकागजहाजको, सूझतऔरनठौर ॥ ६६ ॥ तुलसीसबछलछांडिके, कीजेरामसनेह ॥ अन्तरपतिसोदईैकहा, जिनदेखीसबदेह ॥ ६७ ॥ सबहीकोपरखेलखे, बहुतकहेकाहोय ॥ तुलूसीतेरोरामत॒जि, हितजगऔरनकोय॥ ६८॥ तुल्सीहमसोंरामसों, भलोमिलेहैसूत ॥ छांडेबनेनसेगंरहे, ज्योंघ्रमाईकपूत ॥ ६९ ॥




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