तुलसीसतसई | Tulsistsai

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Tulsistsai by खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about खेमराज श्री कृष्णदास - Khemraj Shri Krishnadas

Add Infomation AboutKhemraj Shri Krishnadas

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
तुल्सीसतसई।. .( ११1 हरेचरहिंतापहिबरे, फरेपसारहिहाथ ॥ तुलसीस्वारथमीतजग, परमारथरघुनाथ ॥६९॥ तुलसीखोयेदासकर, राखतरछुपरमान ॥ ज्योंग्रखपूरोहितहि। देतदानयजमान ॥ ६३ ॥ ज्योंजगवेरीमीनको, आपुसहितपरिवार ॥ त्योंतुल्सीरचुनाथविन, आपदिभशानिकार ६४ तुलसीरामभरोसशिर, लियपापथरिमोट ॥ ज्योंग्यभिचारीनारिकहूँ,बडीखसमकीओट६५॥ स्वामीसीतानाथजी, तुमलगिमेरीदोौर ॥ तुलसीकागजहाजको, सूझतऔरनठौर ॥ ६६ ॥ तुलसीसबछलछांडिके, कीजेरामसनेह ॥ अन्तरपतिसोदईैकहा, जिनदेखीसबदेह ॥ ६७ ॥ सबहीकोपरखेलखे, बहुतकहेकाहोय ॥ तुलूसीतेरोरामत॒जि, हितजगऔरनकोय॥ ६८॥ तुल्सीहमसोंरामसों, भलोमिलेहैसूत ॥ छांडेबनेनसेगंरहे, ज्योंघ्रमाईकपूत ॥ ६९ ॥




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now