साम्ब पुराण | Samba Purana

Book Image : साम्ब पुराण  - Samba Purana

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about डॉ राजेन्द्र चन्द्र हजरा - Dr. Rajendra Chandra Hazra

Add Infomation AboutDr. Rajendra Chandra Hazra

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
साम्बपुराण १४ लिप्ियों के तुलनात्मक अध्ययन के जाघार पर सस्पादन नहीं हुआ था । इसके अतिरिक्त इस प्रकाशित संस्करण में अनेक अशुद्धियँ हैं संट्रेट्स्कान में जर्मन भाषा में साम्बन-पुराण का पाण्डलिपियों के तुलसात्मक अध्यपन के धार पर पाठ प्रस्तुत किया है परन्तु मापा की कर्िताई के कारण सामास्य रटिन्दी भाषाभाषी के लिए अप्राप्य है। अन्य कोई प्रकाशित संस्करगा नहीं है । साम्बन्पुराण को विषय वस्तु का ज्ञान विपय-सूचों देखने से हो सकता है| संक्षेप में यह कहता असंगत न होगा हि माम्व-पुराण का सुक्य विषय मग परम्परा से प्रभावित सौर घर्म है | यह. सर्वदिद्ित है कि प्राचीन काल मे सुर्य-पुजा की एक लिशवन्यापी परम्परा रही हैं। प्राचीन भारत में भागौतिह्ासिक कॉल में ही प्रतीकात्मक रूप में सुर्य के नैसशिक स्वरूप की पूजा होती थी + बेदिक धर्स साधना में यूयोगासना की अविरल धारा विद्यमान थी सु्यें के घाझृतिक रूप को अच्ता सूर्य सबित्र मित्र विष्णु पूषन अश्विन आदित्य आदि नामों के अत्तर्मत ट्लोता थी । बेदोलर काल में आर्य तथा अनार्य परम्परा के पारस्परिक शाद न प्रदान के फल स्वरूप एक सौर सम्प्रदाय का उद्भव हुआ जिसका सर्वप्रथम विवरण महाभारत में मिलता है। इस समय सूर्य का मानदोकरतण हुआ परन्तु सुर्प की पूजा मूर्तियों एवं मत्दिरों के माध्यम से प्रारम्भ करने का खंय संग पूरीहितों को हैं जिन्होंने भारतीम सौर परम्परा को सुखत प्रभावित किया आर उसका पुनुत्थान मी किया । साम्ब-पुराण में इसी परम्परा के प्रभाव- वश परिवत्तित सौर धर्म का विवरग्ग मिलता है 1 सामात्यत यहू स्वीकार किया जाता है कि सम ईरान के पुरोदित थे जो सुर्य एव आर्नि की संयुक्त उपासना सूरत रूप सें करते थे । यद्यपि सुलत थे पुरोहित मीडिया के निवासी थे । उतके ईरानेयन टोने तक उसके सिश्वास पर कैलिडयन और बँबीलीनियन तत्त्वों का प्रभाव पड़ सुका था 1 शाकद्टीप जहाँ से मगों के आगमन का उल्लेख पुराणों में किया गया है सम्भबत पूर्वी ईरान में था 1 मगों की प्राचीमता का प्रश्न अत्यधिक जटिल एवं विधाद




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now