समालोचना तत्व | Samalochana Tatva
श्रेणी : आलोचनात्मक / Critique, साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
200
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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परन्तु णेल्ली की उक्तियो में ही कविता के मइन्द का संपूर्ण भाव
पाया ज्ञाता है। “ कविता डैदी शक्ति के समान काम करती है।
घह मन को ज्ञायरित तया ऐसा प्रणस्त कर देती द॑ कि उसमें
हजारो अज्ञात भावों का समादेश होता ह1ज्ञो प्रीति के कुछ ङ्ख
दह तथा पघाशुद्ध करता है. ज्ञा कठपना की चद्ध জা है ओर
इन्द्रिय-चोध के ठीद्रता उेता है. घद्दी उपयोगी ह 1 पृथ्वी क्तो
नैतिक परिस्थिति कैसी होती यदि दान्ते. चे्राक. चाखर,
सेच्छपिवर, मिदय्न इन्यादि स्याश्च घि्माव ने होता, यद हमारी
कल्पना सा वष्िर्थंत हे) `
यह चात घिचार करने की द कि कविता का उद्देण उपदेण देना
है था आनन्द देना | हारेस कदते हैं कि कविता के काम दोनों हैं
घाइल्य और रापिन रा भी मत प्रायः यही है। चे कते हैं कि
जो कूदित्ता उपयोगी है पघटद्दी आनन्डन्दायक ই 1 হাহইল জহর
हैं कि आनन्द देना यद्यपि काव्य का एकमात्र उद्देश्य नहीं.
तथापि उद्देश्यों में बद्द प्रधान है। आनन्द के साथ साथ बह उप-
देश भी देखा है
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