आविष्कार का इतिहास - भाग 3 | Avishkar Ka Itihas (part-3)
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
186
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शब्द छप्रे छपाए 5
लिए यूरोप भेजना गया 1 एडवडं चतुथं की चन तथा बडी के चास्तं वोल्द को
पतली डचेप्त मांगे रेट ने उसे अपना वाणिज्य सलाहकार बना लिया और 1471 में
जब वह कोलोन में था, तभी उसने वहा का छापा!खाना पहली वार देखा । उसने
हुजेज में अपनी पहली पुस्तक की छपाई की । यह द्वोमर के महूएकाब्य 'ईलियत' के
फ्रासीसों अनुवाद से किया गया अग्रेंजी अनुवाद था। अग्रेजी में छपी यह प्रथम
पुस्तक सन् 1474 मे प्रकाशित हुई । इसके दो वर्ष बाद उसने वेस्टमिस्टर मे एक
छात्राजाना खोला गौर दार्शनिक उदरणो को एक पुस्तक छापकर उसका आरभ
किया ।
इुलती उम्र में इगलेड का सर्वप्रथम मुद्रक बनने के बाद कंवस्टन को एक
व्यापारी या दरवारी का जीवन छोडने पर कभी छेद नही हुआ। 70 वर्ष की उम्र
भ जव 1491 मे उसकी मृत्यु हुई, तव तक उसे लगभय 50 पुस्तकों का प्रकाशन
करके विश्व राहित्य के अनेक महत्त्वपूर्ण प्रग्यो को अपने देश के लिए लभ्य बनाने
का ही नही, अपितु अप्रेजी भाषा को परिनिष्ठित रूप देने का सत्तो प्राप्त था।
आुरदेखबर्द के शगक का (ड़ हापादावा
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