इतिहास-प्रवेश | Itihas-Pravesh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
464
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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नवों अकरणु--पम्ुग़ल साम्राज्य
| [१ ५०६-१७२० ई० ]
अध्याय १
साम्राज्य के लिए पहली जदोजष्टद [ १९०३--११० ३० |
१ राणा साँगा--पच्छिमी महल की राजनीतिक जद्दोजहद,--२ ङष्ण-
देवराय--दक्खिनी मडल की राजनीतिक जद्दोजहद,--३ बावर का पूर्व
चरित ८ १४६४-१५१२ ३० }--उत्तरी मडल में राजनीतिक कशमकश-- |
८ अ ) ठुर्किस्तान--( इ ) काबुल--[ उ ) उज्यग-( ऋ ) वावर की
पजाब पर चढाइयाँ,--४. दिल्ली और पूरत की राजनीति,--५ उत्तर
यारत का सम्राट् बावर ( १५२६-३० ई०) (अर) पजाव और पानीपत--
(६इ ) हिन्दुत्तान--( उ) खानवा का युद्ध--( प्रु) यजयुताना-
मालवा--( लू ) पूरव के प्रदेश--- है २७६-२८९
ख्रध्याय २
साम्राज्य फै लिए दूसरी जहोजहद और सूर साम्राज्य [ १६३०--१४१४ है० ]
` १, बादशाह हुमायू --पहली परिस्थिति,-- २ बह्मदुरशाह गुजराती,--
३. हुमायूँ का मालवा, गुजरात जीतना,-- ४ पुर्तंगालियों का तद-
शब्य,-- ४ ब्रिह्र का वेताज वादशाह शेरखो,-- £ शेरखाँ का वगालं
जीतना,-- ७ हुमायूँ की शेरखाँ पर चढाई और बगाल जीवना,--
८८७ बगाल और जोनपुर का बादशाह शेरशाह,-- ६ शेरशाह का हिन्दु-
स्तान श्रौर पजाच जीतना,--.१० राजपूताना श्रौर मालवा में सालदेव
का-प्रबल होना,-- १३ शेरशाह की साम्राज्य-दद्धि (अ ) मालवा-
( इ ) पूरवी मालवा ओर मुलत़ान:सक्खर--( उ ) राजपूताना (ऋ )
बुन्देलखड,-- १२, शेरशाह के समकालीन भारतीय राज्य,-- १३, शेर-
शाह की शासन-चब्यवस्था,--, १४० इस्लामशाह सर (१४४५-४४ ई०).-~
२6० “३० (4
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