इतिहास-प्रवेश | Itihas-Pravesh

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Itihas-Pravesh by जयचंद्र विद्यालंकार - Jaychandra Vidyalankar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( &` 9) नवों अकरणु--पम्ुग़ल साम्राज्य | [१ ५०६-१७२० ई० ] अध्याय १ साम्राज्य के लिए पहली जदोजष्टद [ १९०३--११० ३० | १ राणा साँगा--पच्छिमी महल की राजनीतिक जद्दोजहद,--२ ङष्ण- देवराय--दक्खिनी मडल की राजनीतिक जद्दोजहद,--३ बावर का पूर्व चरित ८ १४६४-१५१२ ३० }--उत्तरी मडल में राजनीतिक कशमकश-- | ८ अ ) ठुर्किस्तान--( इ ) काबुल--[ उ ) उज्यग-( ऋ ) वावर की पजाब पर चढाइयाँ,--४. दिल्‍ली और पूरत की राजनीति,--५ उत्तर यारत का सम्राट्‌ बावर ( १५२६-३० ई०) (अर) पजाव और पानीपत-- (६इ ) हिन्दुत्तान--( उ) खानवा का युद्ध--( प्रु) यजयुताना- मालवा--( लू ) पूरव के प्रदेश--- है २७६-२८९ ख्रध्याय २ साम्राज्य फै लिए दूसरी जहोजहद और सूर साम्राज्य [ १६३०--१४१४ है० ] ` १, बादशाह हुमायू --पहली परिस्थिति,-- २ बह्मदुरशाह गुजराती,-- ३. हुमायूँ का मालवा, गुजरात जीतना,-- ४ पुर्तंगालियों का तद- शब्य,-- ४ ब्रिह्र का वेताज वादशाह शेरखो,-- £ शेरखाँ का वगालं जीतना,-- ७ हुमायूँ की शेरखाँ पर चढाई और बगाल जीवना,-- ८८७ बगाल और जोनपुर का बादशाह शेरशाह,-- ६ शेरशाह का हिन्दु- स्तान श्रौर पजाच जीतना,--.१० राजपूताना श्रौर मालवा में सालदेव का-प्रबल होना,-- १३ शेरशाह की साम्राज्य-दद्धि (अ ) मालवा- ( इ ) पूरवी मालवा ओर मुलत़ान:सक्खर--( उ ) राजपूताना (ऋ ) बुन्देलखड,-- १२, शेरशाह के समकालीन भारतीय राज्य,-- १३, शेर- शाह की शासन-चब्यवस्था,--, १४० इस्लामशाह सर (१४४५-४४ ई०).-~ २6० “३० (4




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