प्राकृतिक जीवनकी और | Prakritik Jivan Ki Or
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda, स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
270
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्राकृतिक स्नान १७
इस दृष्टिसे में अपने पहलेकी प्राकृतिक चिकित्सा-पद्धति
और पुराने चालक शाकाहारकी गरूतियां प्रकाशमें लानेसे
नहीं भिभकूंगा । पर ऐसा करनेमें किसीको कष्ट पहुंचानेकी
मेरी जरा भी इच्छा नहीं है।
अब में एक ऐसी जीवन-पद्धति और चिकित्सा-पद्धतिका
जिक्र करूंगा जिसका विज्ञानसे कोई संबंध नहीं है। इसमें हमें,
जैसा कि मेने पहले कई वार कहा है, प्रक्ृति-गुरुसे पथ-प्रदर्शन प्राप्त
करना होगा और निश्चय ही एक दिन एक उज्ज्वरू सुंदर प्रभात-
की वेलामें तमसावुत गगनको भेदकर प्रकाशकी किरणे प्रस्फुटित
होगी, जिसका मानव-जाति प्रसन्नतापूर्वक स्वागत करेगी ।
यह चिकित्सा-पद्धति प्रकृति-गुरुकी भांति ही अत्यंत सीधी-
सादी एवं सरल ह । इस पद्धतिमें प्रत्येक रोग और रोगोंकी
एक ही प्रणालीसें चिकित्सा होती है और इसकी मान्यता है
किं सभी रोगोका कारण अप्राङृतिक जीवन हँ तथा प्रकृतिके
नियमों एवं कायमिं करीं वैषम्य नही ह । मेरी धारणा ह॑
कि सभी प्रचलित प्राकृतिक चिकित्सा-पद्धतियां धीरे-धीरे इस
एक सच्ची प्राकृतिक चिकित्सा-पद्धतिमें विछीन हो जायंगी ।
इस पद्धतिमें, जिसे सीखना कहा जाता ই उस अथेमें,
सीखनेको कुछ नहीं है । कोई भी, जिसने अपनेको आधुनिक
विज्ञानकी चकाचौंधसे मुक्त कर लिया हैं एवं वृद्धिमत्ताको
आधुनिक अथोमिं ग्रहण करनेसे अपनेको वचा छया है, इसका
व्यवहार कर सकता ह ! इस पद्धत्तिका अनुसरण करनेवाला
सारा चिकित्सक समुदाय, मेषज-पंडितों आदिकी गुलामी करनेसे
ओर परवशतासे वच जाता हं ।
प्रकृति कभी गलती नहीं करती । अतः प्रकृतिमें वह
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