प्राकृतिक जीवनकी और | Prakritik Jivan Ki Or

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्राकृतिक स्नान १७ इस दृष्टिसे में अपने पहलेकी प्राकृतिक चिकित्सा-पद्धति और पुराने चालक शाकाहारकी गरूतियां प्रकाशमें लानेसे नहीं भिभकूंगा । पर ऐसा करनेमें किसीको कष्ट पहुंचानेकी मेरी जरा भी इच्छा नहीं है। अब में एक ऐसी जीवन-पद्धति और चिकित्सा-पद्धतिका जिक्र करूंगा जिसका विज्ञानसे कोई संबंध नहीं है। इसमें हमें, जैसा कि मेने पहले कई वार कहा है, प्रक्ृति-गुरुसे पथ-प्रदर्शन प्राप्त करना होगा और निश्चय ही एक दिन एक उज्ज्वरू सुंदर प्रभात- की वेलामें तमसावुत गगनको भेदकर प्रकाशकी किरणे प्रस्फुटित होगी, जिसका मानव-जाति प्रसन्नतापूर्वक स्वागत करेगी । यह चिकित्सा-पद्धति प्रकृति-गुरुकी भांति ही अत्यंत सीधी- सादी एवं सरल ह । इस पद्धतिमें प्रत्येक रोग और रोगोंकी एक ही प्रणालीसें चिकित्सा होती है और इसकी मान्यता है किं सभी रोगोका कारण अप्राङृतिक जीवन हँ तथा प्रकृतिके नियमों एवं कायमिं करीं वैषम्य नही ह । मेरी धारणा ह॑ कि सभी प्रचलित प्राकृतिक चिकित्सा-पद्धतियां धीरे-धीरे इस एक सच्ची प्राकृतिक चिकित्सा-पद्धतिमें विछीन हो जायंगी । इस पद्धतिमें, जिसे सीखना कहा जाता ই उस अथेमें, सीखनेको कुछ नहीं है । कोई भी, जिसने अपनेको आधुनिक विज्ञानकी चकाचौंधसे मुक्त कर लिया हैं एवं वृद्धिमत्ताको आधुनिक अथोमिं ग्रहण करनेसे अपनेको वचा छया है, इसका व्यवहार कर सकता ह ! इस पद्धत्तिका अनुसरण करनेवाला सारा चिकित्सक समुदाय, मेषज-पंडितों आदिकी गुलामी करनेसे ओर परवशतासे वच जाता हं । प्रकृति कभी गलती नहीं करती । अतः प्रकृतिमें वह २




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