गुरु गोविन्द सिंह | Guru Govind Singh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
104
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रस्तावना ११
(০০০০০ नकन नवे क-म = ~~~ दक
के साथ हम गुद्गोविन्द देव का परचित्र चरित्र आरम्भ
करते है । शन्त में इतना कहना हमारा धर्म्म है कि हमने अपनी
प्रस्तावना में अपने परम मित्र लाला भोकुलचन्द जी नारग
एम० ९०, डांकुर आफ़ फ़िज्ञांसफ़ी, वार-एट-ल्रा, भूतपूर्व
श्रध्यापक डी०ए०ची० कालेज के अंधसे जिसका नाम टांसफार्स -
शन आफ सिक्खिजम दै वहत सहायता ली है । मेने लाला
जी से थ्राज्ञा नहीं लो, क्योंकि मुझे आपकी मित्रता पर इतना
अमिमान है कि श्ज्ञा लेता मैंने उस प्रभाह मित्रता का अप-
मान करना समझा !
साथ ही यह भी कह देना उचित होगा मूल चरित्र में
मेंने कई अंगरेज़ी व हिन्दी लेखकों से सहायता जी हैं किन्तु
प्रधानता में सरदार लक्ष्मण सिह और पूर्व प्रकाशित लाला
साहव का ही ऋणी हू ।
विद्वानों का पादानुरक्त
राधामोहन भोकुल,जी (राधे)
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