श्री पच्चीस बोल का थोकड़ा | Shri Pachchis Bol Ka Thokda

Shri Pachchis Bol Ka Thokda by अज्ञात - Unknown

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पीस बोलको भोकड़ी1 ४५३ बेक्रिय श्रीर किसको कहते हैं -0 'जोः छोटे, बड़े, एक, अनेक आदि नाना प्रकारके-श्री- “शकों करे, देव ओर नारकियोके -शयीरको वेक्रिय शरीर कहते हैं; अथवा सटे. नहीं, पड़े नहीं; विनास पामे नहीं. विगंडे नहीं,मंरनेके बाद कपूरकी त्तरह विखर जाय, उसको-वेक्रय :श्रीर कहते हैं। “आहारिक श्रीर किसको कहते है ? -छहू अशुणस्थानवर्ती -मुनिके- तत्वोमें. कोई शा নবীন केवली यु श्रुत केवलीके निकट्‌ जानेके : लिये मस्तक्से जो एक हाथका पुतला निक- =लता है. ( कोई लब्धि धारी मुनिराजः अप्र- , मोद करीने ज्ञान भर्या -परमाद्‌ करीने ज्ञान - वि्तरजन होःगया. कोई विंचच्षण चतुर पुरुष आयने प्रशन पुयो उस वखत, सुनिराजको उपयोग लाग्यो नहीं जद आपसे शरीर मांयसं ५.एक्‌ हाथरोःपतलोःनिकास्थो ;उस; पूतलेको




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