Singhasan Battisi by ब्रजबल्लभ हरिप्रसाद-brajbalabh hariprasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सिंहासनब्ी सी. रह लिदमत छेली बह लड़का बहांस निकछठकर घारापुरमं आया अय राजा वहां सब तुमरे बुजुग थे उस उन सोने माना बड़ी आव भगत की बहादा राजा तुम्हारा बाप था. क्तिनी मुददतके बाद उसने दगा करके उस राजाकों मारडाला आर आप बहाका राज लेकर उज्जेन नगरीमें आया और यहां आकर मरगया शंख जो बहा बेथ क्षत्रियाके प्रेटका था है यहाँ आकर वहाँका राजा हुआ राज करने लग . और डी यह अहबाल है कि एफरोग पष्टितोंने आकर राजा शधसे कर कि तेरा हु्मन दुनियाम पैदा हुआ सह बात पैडियोफे मुंह सुनकर बह भोचध रहगया.. ज्ाहण कहने करेलएग सब शाम्र देखा ४ उससे यहीं अहवाल निकलता है कि जा हमने तुससे कहा. मगर एक बात आर है कि हम उसे मदन निकासे नहीं सकें तब रानाने कह खेर जो तुमने यह बात कही तो बहुभी कहीं सब उन्होंने कहा-इमाएं विनारते सह आता . की शेग्वकों मार राजा दिफम यह राज करन यह बात समकर राजा दंसा और बहने छगा ये पंडित घावछे हैं उन्हें झुछ जान नहीं. इसछिये ऐसी बात दहते हैं. यह बात अगरानी कर राजा चुप रहा. पण्डित अपने दिछमें शारदा हुए कि हमारे शासकों इसने बंद जाना और दप्कों दिवाना ठहराया जक वितने एक दिन इस बाहपर शुजरे तब पण्डित अपने पक




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