भगन हरदाई के लेख | Bhagan Hardai Ke Lekh
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
6 MB
कुल पष्ठ :
130
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भंवरमल सिंधी - Bhanwarmal Sindhi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१७
रंगे सियारों, ऐसे बने, इन सदगहस्थों (1) को नहीं जानते, जिनकी कामुकत
ने कितनी अन्नछाओं को -पतित किया है, जिनकी सत्ता ने समाज की स्वा-
भाविक आकांक्षा का दमन किया है, जिनकी लोभइत्ति ने हजारों मजबूरों
ओर निवल के प्राण योषित किये है। ओर फिर भी क्या तुमने उ
' सुसज्जित वेपभूषा में मंदिर में भगवान् के सामने या महाराज और “हुजूर
सा? के स्थान में तहत्तवाणी और घणी লা करने वाले धमात्माओं (1)
की अग्र पंक्ति में खड़े नहीं देखा है ? श्रावक, तुम्हे रोप हो रहा है; नहीं,
नही, अत तुम अपनी शक्ति को रोप मै न खोओ; इसकों उस क्राति के
लिए, बचाकर रखो जो शीत्र आनेवाली है। धर्म को अमिशाप बना देनेवाले,
पवित्र धर्म के आवरण में गुलामी का वातावरण ओर अंधश्रद्धा का नाटक
स्वनेवाले इन सुश्रावकों (!)) को भगवान् के ये शासन सूत्रधार, ये आत्म-
कल्याणक मुनि कुछ नहीं कहते; हों; ये कुछ नहीं कहेंगे, क्योंकि अगर ये
न हों, ओर इनकी प्रशंसा न की जाय, यदि इनके वीमत्स पाप कर्मों से
उदासीनता न रखी जाय, तो मंदिरों में अठाई महोंत्यव कौन कराएगा,
वरघोड़ा कोन, निक्राछेगा, श्रावक्र वर्ग को दया कोन पल्वाएगा, कसाई-
खाने कोन बन्द करवाएगा ? अगरोध चेले-चेली देनेवाले' माता-पिताओं को
कोन रुपया देगा ? इन दीक्षाओं के आयोजन में कौन खच करेगा; इनकी
अंपश्रद्धा करनेवाले श्रावकी को नोकर कोन रखेगा, पूँंणी कौन उधार देगा
या दलाली कोन बतायेगा; इनके उल्टे-सीथे वचनों पर “तथास्ठ वचन
ओर “घणी खमा? कोन कहेगा, इनके चातुर्मास-मैं या अन्य मौके पर विराद्
महोत्तव का आयोजन कौन करेगा; इनके स्ववनों, पदों ओर ढ़ालो की
पोथियों कौन छ्वाएगा ? इनकी चेले-चेली डमूने की इत्ति के आन्दोलन मे
कौन सहयोग देगा ? इनफे साम्प्रदायिक कछ्ह को कौन पोषित करेगा,
इनके ज्ञान के दीवाले को आदर ओर मान से कोन छिपाएगा १ और उनके
लिए चेले-चेली आकर्षित करने का ठाठ कौन बनावेगा, उनके लिए त्रिन्दोरे
विन्दौरियाँ कौन निकाछेगा ? और ये नही हो तो वे अपने ऊपर की हुई
समीक्षा का उत्तर किनसे दिल्वाएँगे क्योंकि खुद तो ये ठहरे रागद्रेपहदीन !
User Reviews
No Reviews | Add Yours...