सन्मतितर्कप्रकरण - खंड 2 | Sanmati Tark Prakaran - Khand-ii
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
34 MB
कुल पष्ठ :
448
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about जय सुन्दर विजय - Jai Sundar Vijay
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)द्िमत में विकल्प মানবিক प्रमाण न्दी है
खादि के विरद्द में भी प्रसादादि से
निकान्तिकता
दाना साधक समस्य देतु अनैकान्तिक और
{51 ६
झनाति और स्मैर्य का निषेध
त्मस्थल में समस्वयदेतु साध्यद्रोद्दी
रेमाणादि चार द्वेतु प्रधानसिद्धि मे अक्षम
परूप्प का अविभाग-द्वेतु में असिद्धि दोष
त्प चैतन्पवाद में प्रत्यक्तविरोध
ईत्व के बिना भोक्यृत्न का असम्भव
न्य-पंगुन्पाप से प्रवृत्ति फर्म के बिना
पिरि
तिबिम्दन्पाप गे भोफतृत्य आत्मा म अग्नगत
न्प-पंगुन्पाप से प्रधानप्रवृत्ति असंभव
ভি में अचेतनासाधक अनुमान दोपग्रस्त
रपिवृत्ति का दृष्टान्न असंगत
दिपसाधक अनुमान पर विदल्पत्रयी
पोपभेदनिरूपणम्
हरहु -तैममनपरप्लन्यता
मनप प प्रभेद : संग्रट्ादिनय
मैगमनय पपतम्यता
प्दरदाद्नणमिप्रापः
নম के विविध অনিতা ক उदाहरणरथस्
पर्यप्तपि् भदयादी उह्ारनय
१, ल्म 2 रे
गप्रा अष में विपपरमद
३७३
३७३
२३७४
३५७६
३७७
पर्यायनयभेद: ऋणुसूमरनयाभिप्राप
अर्थनपानां 'वक्तव्यम् -
अक्षणिक रस्तु मेँ क्रमशः/पुगपद् अर्थक्रिया
असम्भव
अर्थनयचतुष्क का अभिप्राय
शन्दरपितिर्मुस्त अर्थावरोध फा समर्थन
शम्दनपानां वक्तव्यता
पंचमस्य दब्दनपस्पामिप्राय:
शब्दनपों -प्रमाणादिब्पवद्दारों का मुख्य हेतु शब्द
शब्दनय के मत से लिंगभेद से पर्यायभेद
समभिरूढनपाभिप्रापः
कारकादि के भेद से वस्तुभेद-शन्दनप
समभिरूदनय-संज्ञाभेद से বুম
एवंभूतनयाभिप्राय:
एवंभूत-शन्दवाच्यक्रिया से आविष्ट हो वही
वस्तु
तृतीपगाथाविवरण समाप्त
चतुर्थी गाया
शुद्ध अशुद्ध दब्पास्तिक संग्रह-स्यरहार
संग्रहस्प सत्तामात्रविषपकत्वोभदर्शनम्
सत्तामावयरनुवादी -संग्रहनपप्ररूष या
अन्यदाइनिकों का अस्यर्धवाचकनता में समर्थन
ट्व्याशिक - स्परद्ारसद था অনিতা
देखना नि भय - ब्यवद्रार
ঘীধা गाया की स्यास्य प्रम
परिक्षिष्ठ - १
घरति শু
प्रह - २
প্র পাতে “क
५५९११७५
+
ক वु
রি তাত
দাবি
User Reviews
No Reviews | Add Yours...